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तारे ज़मीं परBy: Rakesh Singh ‘Sonu’“हर मुश्किल सवाल का जवाब हूँ मैं सुनी अँखियों का ख्वाब हूँ मैं हुनर की बोलती किताब हूँ मैं “– श...
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मेरा कैमरामैन बीच में ही फिल्म छोड़कर भाग गया था : ब्रजभूषण, फिल्म निर्देशक
ग्रेजुएशन उपरांत इंस्टीच्यूट ऑफ़ फिल्म टेक्नोलॉजी मद्रास से 1977 में डिप्लोमा लेने के बाद मैंने अपने ही बैनर ‘चित्राश्रम’ के तहत अपने ही निर्माण -निर्देशन में...
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मेरा गोरा रंग देखकर सास ने मुझे तौफे में साड़ी दिया : डॉ. अर्चना मिश्रा, स्त्री रोग विशेषज्ञ (अस्सिस्टेंट प्रोफ़ेसर), एन.एम.सी.एच.पटना
जब अपने मायके बेगूसराय से मुजफ्फरपुर ससुराल पहुंची तो वहां घर में सारी की सारी ग्रामीण महिलाओं को देखकर मैं थोड़ी घबरा सी गयी कि कहीं यहाँ मुझे ज्यादा पर्दे में तो नहीं रह...
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फीकी चाय (लेखक : राकेश सिंह ‘सोनू’)
लघु कथा ऑफिस को देर हो रही थी, वह चाय के इंतज़ार में था. पत्नी ने आकर चाय का प्याला थमाया. चाय पीते ही उसका चेहरा उग्र हो गया, उसने तीखी नज़रों से पत्नी को घूरा और बरस पड़ा...
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बोझ (लेखक : राकेश सिंह ‘सोनू’)
लघु कथा लड़केवाले उसकी खूबसूरती पर फ़िदा थे. कम में ही मामला निपट गया था. “मेरे होनेवाले जीजा को ज़रा एक नज़र तुम भी देख लो “, भाई ने बहन से कहा. ” जब सभी क...
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