‘शुकराना गुरु का’ फिल्म के जरिये बिहार की अच्छी छवि प्रस्तुत की गई

‘शुकराना गुरु का’ फिल्म के जरिये बिहार की अच्छी छवि प्रस्तुत की गई
फिल्म का विमोचन करते अतिथिगण (ऊपर)
कार्यक्रम में बैठे दर्शक और मुख्य अतिथि (नीचे)

ग्रेट इंडिया शो द्वारा निर्मित फिल्म ‘शुकराना गुरु का -mesmerising memories of 35o guru parva ‘ का विमोचन माननीय पर्यटन मंत्री श्री प्रमोद कुमार एवं अन्य विशिष्ट अतिथियों, श्री गुरिंदर पाल सिंह (प्रकाश पर्व 350 वें समारोह के चेयरमैन), भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष वरुण सिंह, अशोक कुमार सिंह, कुमार अनुपम एवं श्री महिंदर पाल सिंह द्वारा किया गया. फिल्म की कहानी मूल रूप से गुरु पर्व के अवसर पर दुनिया के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालुओं के उस बिताये पल और अनुभवों पर आधारित है. दीप प्रज्वलन के बाद कार्यक्रम की शुरुआत में फिल्म में गुरुवाणी प्रस्तुत करनेवाली गायिका कोमल कश्यप ने अपनी गायिकी से मंत्रमुग्ध कर दिया…उसके बाद मंच पर आएं बिहार गौरव से सम्मानित गायक सत्येंद्र संगीत जिन्होंने अपने ही अंदाज में ‘जो बोले सो निहाल….’ गाते हुए परिसर में मौजूद सभी दर्शकों को भी साथ-साथ गाने पर मजबूर कर दिया.

इस मौके पर ग्रेट इंडिया शो के संस्थापक व फिल्म निर्देशक निखिल प्रकाश ने कहा कि ‘जब आप अपने बुजुर्ग या अपने बड़ों की इज्जत नहीं करते हैं तो कल अपने माता-पिता की भी इज्जत नहीं करेंगे. इसी को लेकर मेरे मन में ख्याल आया कि मैं एक कम्पनी बनाऊं और फिल्मों के जरिये लोगों को मैसेज दूँ. तो मैंने प्रण किया कि एक ऐसा यू ट्यूब चैनल बनाऊंगा जिससे बस हमारी जो अपनी संस्कृति हो, चाहे वो किसी भी धर्म की हो, किसी जाति की हो, लेकिन जो हमारे नसों में बहता है हमारे लहू में बहता है मैं उसे सबकी नज़र में लाऊंगा…उसके लिए पिछले 15 अगस्त को मैंने इस चैनल की शुरुआत की और उस शुरुआत के साथ मैंने लगभग पूरे इण्डिया में घूमकर शूटिंग की. मगर मुझे ये नहीं समझ में आया कि मैं लोगों के लिए शुरुआत कहाँ से करूँ. कुछ अरसा पहले हमारा गुरु पर्व हुआ था. गुरु पर्व में हजारों लाखों श्रद्धालु कई जगह से आएं. हमने दिन-रात वीडियो बनाया और सोचा इसका कमर्शियल यूज करेंगे. लेकिन फिर बाद में दिल ने इसकी इजाजत नहीं दी. मैं दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बैठा हुआ था. कुछ श्रद्धालु जो यहाँ से कनाडा वापस जा रहे थें, उनसे मेरी वार्ता होने लगी. उन्होंने बिहार के बारे में जो कहा वो मैंने पहले कभी नहीं सुना था. उनकी आँखों से आंसू आ गए. उनमे सभी लोग पंजाबी नहीं थें बल्कि नार्मल हिन्दू और विदेशी थें लेकिन यहाँ आकर जो अपनापन और स्वस्थ छवि बनी थी वही उन्हें रोककर रखी हुई थी. तब मैंने ये कहानी लिखी थी कि एक शैलानी यहाँ आया था लेकिन एक साल बाद शुकराना के समय यहाँ आ नहीं पाया तो उसके दिल में क्या व्यथा थी, वो यहाँ आने के लिए जो तड़प रहा था तो ये उसी की कहानी और उसी की जुबानी है.’

गायिकी प्रस्तुत करते सत्येंद्र संगीत (ऊपर)
एवं कोमल कश्यप (नीचे)

मुख्य अतिथि पर्यटन मंत्री ने कहा कि ‘निखिल प्रकाश की यह फिल्म बिहार की बहुत बड़ी बात कह रही है. हमारी छवि जो बाहर में धूमिल नज़र आती है, इस फिल्म को देखकर लोगों की धारणाएं बदल जाएँगी.’
वहां आये विशिष्ट अतिथियों से भी जब अपने वक्तव्य कहने को कहा गया तो वरुण सिंह (कला संस्कृति प्रकोष्ठ) ने मंच पर आते ही अपनी बातों को शायरी के अंदाज में पेश किया कि – ‘जी रहे हैं जिस कला का नाम ले लेकर पता भी है वो कैसे बची है…सभ्यता की जिस अटारी पर हम सब खड़े हैं कुछ गुरु जी जैसे लोगों ने रची है….’  फिर उन्होंने कहा कि – ‘निखिल जी बधाई के पात्र हैं जो इतनी अच्छी परिकल्पना उन्होंने की है. ये गुरु पर्व चल रहा था तो हमसब देखने गए थें. लेकिन कहीं-न-कहीं ये विचार निखिल के पास आया और उन्होंने उस सोच को डेवलप करके ये शुकराना गुरुपर्व का हमारे बीच प्रस्तुत किया. बिहार की जो सांस्कृतिक धरोहर है वो इस फिल्म में नज़र आती है. अंत में मैं बिहार की तरफ से कहना चाहूंगा कि ‘निरासा से, थकान से दूर हैं हम, उमंगों के नशे में चूर हैं हम, न रोको पंथ हमारा ऐ शिलाओं समय की मांग के सिंदूर हैं हम…’

 

फिल्म के ऊपर अपना वक्तव्य रखते वरुण सिंह (ऊपर)
एवं चाइल्ड आर्टिस्ट विराट को सम्मानित करते हुए (नीचे)

वहीँ गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष गुरिंदर पाल सिंह ने कहा – ‘ आज ऐसा लगा कि जिस शताब्दी की तैयारी हम पिछले डेढ़-दो सालों से करते आ रहे थें, जिसमे हम बिलकुल डूब से गए थें. आज फिर वही नजारा हमारी आँखों के सामने आ गया….बहुत अच्छी फिल्म बनी है…पुरानी यादों को बिल्कुल ताजा करती हुई.’

इस अवसर पर पर्यटन विभाग के सचिव व निदेशक, गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के अध्यक्ष, सचिव व धर्म प्रचारक समिति के अध्यक्ष एवं ट्रैफिक अधीक्षक को माननीय मंत्री श्री प्रमोद कुमार द्वारा सम्मानित किया गया. वहीँ फिल्म निर्माण में विशिष्ट योगदान के लिए ग्रेट इंडिया शो की पूरी टीम को भी सम्मानित किया गया जिनमे मुख्यतः फिल्म के निर्देशक निखिल प्रकाश, फिल्म में गुरुवाणी गाने वाली युवा गायिका कोमल कश्यप और पर्दे के पीछे से फिल्म में अपनी मधुर आवाज देनेवाली दूरदर्शन की एंकर अंजलि रानी को भी सम्मानित किया गया.
वहीँ भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के वरुण सिंह के हाथों मनोज वाजपेयी के साथ जल्द ही आनेवाली एक फिल्म में काम कर रहे चाइल्ड आर्टिस्ट विराट को सम्मानित किया.

इस पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन किया कार्यक्रम के संयोजक रविकांत सिंह (रंगकर्मी व अभिनेता) ने.

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'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).

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