सबसे पहला जो मैंने कैमरा फेस किया वो पुणे में था फिल्म ‘पुणे टीसी’ के लिए. जब मैं पढ़ रही थी तभी से मेरे अंदर एक्टिंग का कीड़ा था. मैं शुरू से ही स्कूल-कॉलेज के...
“ऐ जिंदगी क्यों शिकवा करूँ तुझसे कि तूने दर्द इतने दिए…..गम के अलावा जो तूने कुछ दिए वो भी सबको नसीब नहीं होता.” यह शेर उस जाबांज महिला के लिए है जिसने...
पटना, 4 मार्च, बिहार हिंदी साहित्य सम्मलेन सभागार में महान कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु जी की जयंती के साथ-साथ लघुकथा-गोष्ठी का भी मनभावन आयोजन हुआ. इस अवसर पर आयोजित समार...
“ये धड़कते हैं मेरे अंदर क्यूंकि जब भी इन्हें पढ़ता हूँ तो मुझे ऐसा लगता है इनकी संवेदना बहुत ही गहराई के साथ बोल रही है. ये अपनी रचनाओं में केवल समस्या ही नहीं गिनात...