जब हम जवां थेंBy: Rakesh Singh ‘Sonu’ बचपन में मुझेसाहित्य से बड़ालगाव था. शरतचंदके साहित्य नेमुझे भावुक बनादिया. नतीजा यहकि तभी सेफिल्में आकर्षित करने लगीं, न...
सन 1948 में जब पटना में ‘आकाशवाणी‘ की शुरुआत हुई, तब से मेरा काम और बढ़ता गया. यूँ कहें कि मैं बिहार केलिए आकाशवाणी की देन हूँ, वही मेरा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्व...
1941 में कोलकाता के विधासागर कॉलेज से इंटर करने के बाद राजनीति में चला आया और इतना रम गया कि फिर आगे पढाई नहीं कर पाया. लेकिन हाँ, किताबें पढ़ने का शौक अनवरत जारी ...