पटना की बेटी आयशा ऐमन बी-टाउन में रच रहीं सफलता की नई इबारत, अपनी नई फिल्म में निभा रहीं बिहारी लड़की का किरदार

मुंबई की चकाचौंध भरी दुनिया में छोटे शहरों के कलाकारों के लिए अपने लिए जगह बनाना किसी संघर्ष से कम न...

बिहार के आन तिवारी प्रसिद्ध वेब सीरीज 'पंचायत सीजन 4' में निभा रहे हैं बिल्लू का किरदार

बिहार के सासाराम के कशिगावां के आन तिवारी फिर से मचा रहे हैं बड़ा धमाल, वेब सीरीज इंडस्ट्री में धमाल...

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इंटरनेशनल स्कॉलर्स स्कूल, नयागांव, सारण में उत्साहपूर्वक कार्यक्रम का आयोजन

इंटरनेशनल स्कॉलर्स स्कूल, नयागांव, सारण में 21 जून 2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अत्यंत उत्साह और...

ना दस्तावेज, ना बैंक खाता, ना कोई क़ानूनी अनुबंध फिर भी ‘नोतरा' परम्परा के तहत मिल जाता है ऋण

जहाँ एक ओर आधुनिक बैंकिंग व्यवस्था में ऋण लेने के लिए दस्तावेज़ों का अंबार, कर्ज़ की गारंटी, और ऊँचे...

भारत में कागजी मुद्रा का रोमांचक इतिहास

  -जितेन्द्र कुमार सिन्हा रुपया भारत की अर्थव्यवस्था की धड़कन है, पर इसकी कहानी केवल मुद्रा की नहीं,...

बिहारी लोगों को बोली गयी बात मन में चुभ गयी : बिहार कोकिला, पद्मश्री, स्व.विंध्यवासिनी देवी,लोक गायिका

बिहारी लोगों को बोली गयी बात मन में चुभ गयी : बिहार कोकिला, पद्मश्री, स्व.विंध्यवासिनी देवी,लोक गायिका
सन 1948 में जब पटना में ‘आकाशवाणी‘ की शुरुआत हुई, तब से मेरा काम और बढ़ता गया. यूँ कहें कि मैं बिहार केलिए आकाशवाणी की देन हूँ, वही मेरा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्व...
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कुश्ती और फ़िल्में देखने का शौक था : स्व. रामसुंदर दास, भूतपूर्व मुख्यमंत्री, बिहार

कुश्ती और फ़िल्में देखने का शौक था : स्व. रामसुंदर दास, भूतपूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
  1941  में कोलकाता के विधासागर कॉलेज से इंटर करने के बाद राजनीति में चला आया और इतना रम गया कि फिर आगे पढाई नहीं कर पाया. लेकिन हाँ, किताबें पढ़ने का शौक अनवरत जारी ...
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तब स्पॉट बॉय ने भी मुझे तंग किया था : के.के.गोस्वामी (हास्य अभिनेता)

वो मेरी पहली शूटिंग By: Rakesh Singh ‘Sonu’ मेरी पहली फिल्म थी भोजपुरी भाषा की ‘रखिह लाज अचरवा के’ जो 1996 में रिलीज हुई थी. इसके निर्देशक थे...
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शूटिंग के दौरान बाल बाल बचा : स्व.प्यारे मोहन सहाय (अभिनेता)

शूटिंग के दौरान बाल बाल बचा : स्व.प्यारे मोहन सहाय (अभिनेता)
जब हम जवां थें By: Rakesh Singh ‘Sonu’       मैं बी.एन.कॉलेज का विद्यार्थी था लेकिन ग्रेजुएशन बीच में ही छोड़ मुझे नौकरी करनी पड़ी.रेलवे मेल सर्व...
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सपना था हॉस्टल में रहना

सपना था हॉस्टल में रहना
गाजीपुर, यू.पी. की काजल सिंह कहती हैं – अपने होम टाउन से पहली बार मैं 2013  में पटना के एक हॉस्टल में आयी.मेरा और मेरे गार्जियन दोनों का सपना था कि मैं पटना वीमेंस...
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