सन 1948 में जब पटना में ‘आकाशवाणी‘ की शुरुआत हुई, तब से मेरा काम और बढ़ता गया. यूँ कहें कि मैं बिहार केलिए आकाशवाणी की देन हूँ, वही मेरा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्व...
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कुश्ती और फ़िल्में देखने का शौक था : स्व. रामसुंदर दास, भूतपूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
1941 में कोलकाता के विधासागर कॉलेज से इंटर करने के बाद राजनीति में चला आया और इतना रम गया कि फिर आगे पढाई नहीं कर पाया. लेकिन हाँ, किताबें पढ़ने का शौक अनवरत जारी ...
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तब स्पॉट बॉय ने भी मुझे तंग किया था : के.के.गोस्वामी (हास्य अभिनेता)
वो मेरी पहली शूटिंग By: Rakesh Singh ‘Sonu’ मेरी पहली फिल्म थी भोजपुरी भाषा की ‘रखिह लाज अचरवा के’ जो 1996 में रिलीज हुई थी. इसके निर्देशक थे...
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शूटिंग के दौरान बाल बाल बचा : स्व.प्यारे मोहन सहाय (अभिनेता)
जब हम जवां थें By: Rakesh Singh ‘Sonu’ मैं बी.एन.कॉलेज का विद्यार्थी था लेकिन ग्रेजुएशन बीच में ही छोड़ मुझे नौकरी करनी पड़ी.रेलवे मेल सर्व...
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सपना था हॉस्टल में रहना
गाजीपुर, यू.पी. की काजल सिंह कहती हैं – अपने होम टाउन से पहली बार मैं 2013 में पटना के एक हॉस्टल में आयी.मेरा और मेरे गार्जियन दोनों का सपना था कि मैं पटना वीमेंस...
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