दुनिया के 140 देशों की आबादी से ज्यादा भारत में शिक्षक (यूडाइस प्लस की रिपोर्ट)

यूडाइस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफोर्मेशन सिस्टम फोर एजुकेशन) एक राष्ट्रीय डेटाबेस है, जो भारत के शिक्...

भारतीय मातृभाषा अनुष्ठान: बोलियों और भाषाओं के वैभव का साहित्यिक उत्सव

मध्य प्रदेश अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत और भाषाई विविधता के लिए विख्यात है। सितम्बर के महीने में...

भगवान का टेलर : जो इंसानों के नहीं, सिर्फ देवताओं के कपड़े सिलते हैं

भगवान के टेलर के पास नवरात्रि में माता की चुनरी बनवाने लगती रही है भक्तों की भीड़ | आमतौर पर टेलर की...

कविता   -     उम्र से एक सवाल

ऐ उम्र तुझसे पूछती हूं एक सवाल तू है मेरी हमजोली या सिर्फ करती रहती है ठिठौली. जन्मदिन पर आकर अंको क...

तेजस्वी यादव जानते हैं - नेतृत्व नारे से नहीं - संयम से बनता है और सत्ता विरासत से नहीं - विश्वास से मिलती है

2015 का बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के जीवन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। लालू प्रसाद यादव की पा...

भोजपुरी सिनेमा के सुनहले दिनों की याद दिलाती फिल्म 'आपन कहाये वाला के बा'

अक्सर भोजपुरी फिल्मों को देखते हुए लोग डरे हुए होते हैं कि पता नहीं कब कौन सा दृश्य आ जाय, जो असहज क...

‘फ्रेंडशिप डे’ पर विशेष – ‘ब्वॉयफ्रेंड’ और ‘गर्लफ्रेंड’ का रिश्ता आखिर है क्या…दोस्ती का, प्यार का, सौदे का या फिर टाइमपास का ?

'फ्रेंडशिप डे' पर विशेष - 'ब्वॉयफ्रेंड' और 'गर्लफ्रेंड' का रिश्ता आखिर है क्या...दोस्ती का, प्यार का, सौदे का या फिर टाइमपास का ?
‘ब्वॉयफ्रेंड’ और ‘गर्लफ्रेंड’ ये जो ‘जीव’ हैं ये आमतौर पर पार्क, रेस्टूरेंट, सिनेमा हॉल और बंद कमरे जैसे जगहों पर अपने रिश्ते को कमिटम...
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नाजिया गुल की निर्देशित शॉर्ट फिल्म ‘बेटी’ ने 9 वें जागरण फिल्म फेस्टिवल में सराहना पायी

नाजिया गुल की निर्देशित शॉर्ट फिल्म 'बेटी' ने 9 वें जागरण फिल्म फेस्टिवल में सराहना पायी
“जुनून इस कदर कि छू लूँ आसमान, खुद की क़ाबलियत से बनाना है मक़ाम…मुश्किलों में भी लेना है साहस भरी मुस्कान कि जमाना याद करे बनाऊं ऐसी मुकम्मल पहचान…...
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सामयिक परिवेश व कला जागरण के सांस्कृतिक कार्यक्रम में अंतिम दिन हुआ कवि सम्मलेन

सामयिक परिवेश व कला जागरण के सांस्कृतिक कार्यक्रम में अंतिम दिन हुआ कवि सम्मलेन
पटना, 29 जुलाई, “सारी दुनिया में इंसानियत ना नंगा हो, कोई फसाद ना करे और ना कभी दंगा हो. तो ऐसी जिंदगी पर नाज है मेरे मौला, मैं जो मर जाऊं कफ़न पे मेरे तिरंगा हो...
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यूरोप और श्रीलंका में अपने देश के आर्ट एन्ड कल्चर को रिप्रजेंट करेंगे पटना के विपुल शरण श्रीवास्तव

यूरोप और श्रीलंका में अपने देश के आर्ट एन्ड कल्चर को रिप्रजेंट करेंगे पटना के विपुल शरण श्रीवास्तव
जब वह अपना जॉब छोड़कर आया और अपने मन की करने लगा तो उसके जान-पहचानवालों ने कहा कि वह पागल हो गया है. और उसने भी स्वीकार किया कि “हाँ मैं हूँ पागल… मैं ‘प...
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लघुकथा सम्मलेन के साथ तीन दिवसीय ‘प्रेमनाथ खन्ना स्मृति समारोह’ का हुआ आगाज

लघुकथा सम्मलेन के साथ तीन दिवसीय 'प्रेमनाथ खन्ना स्मृति समारोह' का हुआ आगाज
  पटना, 27 जुलाई, “चिड़ियाखाना गयी उस लड़की को अचानक लघुशंका लगती है और वो वहीँ नो एंट्री जोन में चली जाती है…थोड़ी ही देर में कुछ लड़के भी यूँ ही मटरगस्ती क...
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