दुनिया के 140 देशों की आबादी से ज्यादा भारत में शिक्षक (यूडाइस प्लस की रिपोर्ट)

यूडाइस (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफोर्मेशन सिस्टम फोर एजुकेशन) एक राष्ट्रीय डेटाबेस है, जो भारत के शिक्...

भारतीय मातृभाषा अनुष्ठान: बोलियों और भाषाओं के वैभव का साहित्यिक उत्सव

मध्य प्रदेश अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक विरासत और भाषाई विविधता के लिए विख्यात है। सितम्बर के महीने में...

भगवान का टेलर : जो इंसानों के नहीं, सिर्फ देवताओं के कपड़े सिलते हैं

भगवान के टेलर के पास नवरात्रि में माता की चुनरी बनवाने लगती रही है भक्तों की भीड़ | आमतौर पर टेलर की...

कविता   -     उम्र से एक सवाल

ऐ उम्र तुझसे पूछती हूं एक सवाल तू है मेरी हमजोली या सिर्फ करती रहती है ठिठौली. जन्मदिन पर आकर अंको क...

तेजस्वी यादव जानते हैं - नेतृत्व नारे से नहीं - संयम से बनता है और सत्ता विरासत से नहीं - विश्वास से मिलती है

2015 का बिहार विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के जीवन का निर्णायक मोड़ साबित हुआ। लालू प्रसाद यादव की पा...

भोजपुरी सिनेमा के सुनहले दिनों की याद दिलाती फिल्म 'आपन कहाये वाला के बा'

अक्सर भोजपुरी फिल्मों को देखते हुए लोग डरे हुए होते हैं कि पता नहीं कब कौन सा दृश्य आ जाय, जो असहज क...

तब 100-150 रूपए की साइकिल भी मैंने ऑफिस से एडवांस लेकर खरीदी थी : स्व.रामाशीष सिंह, भूतपूर्व अवर सचिव, बिहार लोक सेवा आयोग

तब 100-150 रूपए की साइकिल भी मैंने ऑफिस से एडवांस लेकर खरीदी थी : स्व.रामाशीष सिंह, भूतपूर्व अवर सचिव, बिहार लोक सेवा आयोग
भोजपुर जिले के आरा शहर से ग्रेजुएशन करने के दरम्यान हमारे साथ के कुछ एक लड़के अपने अभिभावकों से कभी कभार कुछ पैसे माँगा लिया करते थे, लेकिन तब हमारे समय में पॉकेटमनी का फै...
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बेजुबां है वो मगर बोलती है पेंटिंग

तारे ज़मीं परBy: Rakesh Singh ‘Sonu’“हर मुश्किल सवाल का जवाब हूँ मैं सुनी अँखियों का ख्वाब हूँ मैं हुनर की बोलती किताब हूँ मैं “– श...
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मेरा कैमरामैन बीच में ही फिल्म छोड़कर भाग गया था : ब्रजभूषण, फिल्म निर्देशक

मेरा कैमरामैन बीच में ही फिल्म छोड़कर भाग गया था : ब्रजभूषण, फिल्म निर्देशक
ग्रेजुएशन उपरांत इंस्टीच्यूट ऑफ़ फिल्म टेक्नोलॉजी मद्रास से 1977 में डिप्लोमा लेने के बाद मैंने अपने ही बैनर ‘चित्राश्रम’ के तहत अपने ही निर्माण -निर्देशन में...
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मेरा गोरा रंग देखकर सास ने मुझे तौफे में साड़ी दिया : डॉ. अर्चना मिश्रा, स्त्री रोग विशेषज्ञ (अस्सिस्टेंट प्रोफ़ेसर), एन.एम.सी.एच.पटना

मेरा गोरा रंग देखकर सास ने मुझे तौफे में साड़ी दिया : डॉ. अर्चना मिश्रा, स्त्री रोग विशेषज्ञ (अस्सिस्टेंट प्रोफ़ेसर), एन.एम.सी.एच.पटना
जब अपने मायके बेगूसराय से मुजफ्फरपुर ससुराल पहुंची तो वहां घर में सारी की सारी ग्रामीण महिलाओं को देखकर मैं थोड़ी घबरा सी गयी कि कहीं यहाँ मुझे ज्यादा पर्दे में तो नहीं रह...
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फीकी चाय (लेखक : राकेश सिंह ‘सोनू’)

लघु कथा ऑफिस को देर हो रही थी, वह चाय के इंतज़ार में था. पत्नी ने आकर चाय का प्याला थमाया. चाय पीते ही उसका चेहरा उग्र हो गया, उसने तीखी नज़रों से पत्नी को घूरा और बरस पड़ा...
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