लघु कथा लड़केवाले उसकी खूबसूरती पर फ़िदा थे. कम में ही मामला निपट गया था. “मेरे होनेवाले जीजा को ज़रा एक नज़र तुम भी देख लो “, भाई ने बहन से कहा. ” जब सभी क...
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फ्रेंडशिप (लेखक: राकेश सिंह ‘सोनू’)
लघु कथा यह उसका तीसरा बॉयफ्रेंड था. पहनावे व हावभाव से वह भांप गई कि मुर्गा पैसेवाला है. जब लड़के ने बताया कि वह किराये के मकान में रहता है, तो उसे हैरत ना हुई. मगर...
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सबक (लेखक: राकेश सिंह ‘सोनू’)
लघु कथा बस में उसे किसी ने चुटकी काट ली. उसे बुरा लगा. वही हरकत दोबारा हुई. इस भीड़ में वह किस पर शक करती ? तीसरी बार वही हुआ. इस बार उसने देख लिया. लड़क...
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और लगाना पड़ा था फर्श पर पोछा : स्व.गिरीश रंजन, फिल्म निर्देशक
जब हम जवां थेंBy: Rakesh Singh ‘Sonu’ बचपन में मुझेसाहित्य से बड़ालगाव था. शरतचंदके साहित्य नेमुझे भावुक बनादिया. नतीजा यहकि तभी सेफिल्में आकर्षित करने लगीं, न...
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बिहारी लोगों को बोली गयी बात मन में चुभ गयी : बिहार कोकिला, पद्मश्री, स्व.विंध्यवासिनी देवी,लोक गायिका
सन 1948 में जब पटना में ‘आकाशवाणी‘ की शुरुआत हुई, तब से मेरा काम और बढ़ता गया. यूँ कहें कि मैं बिहार केलिए आकाशवाणी की देन हूँ, वही मेरा मंदिर, मस्जिद, गुरुद्व...
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