पूरी यूनिट के सामने रवि किशन जी ने मुझे बड़े जोर से डांट दिया था : अक्षरा सिंह, अभिनेत्री, भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री

पूरी यूनिट के सामने रवि किशन जी ने मुझे बड़े जोर से डांट दिया था : अक्षरा सिंह, अभिनेत्री, भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री

फिल्म ‘सत्यमेव जयते’ में रवि किशन जी के अपोजिट मैं पहली बार भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में बतौर अभिनेत्री लॉन्च हुई थी. डायरेक्टर थें बबलू सोनी. मेरे पिता बिपिन सिंह और माँ नीलिमा सिंह चूँकि शुरू से ही एक्टर हैं तो उनके जरिये ही मुझे ये फिल्म बैठे-बिठाये मिल गयी थी. जब मेरे घर डायरेक्टर साहब आये थें और उन्होंने पापा से बोला कि “अगर इनको इंट्रेस्ट है तो इनको लॉन्च करते हैं.” और रवि किशन जी के अपोजिट लीड रोल में तभी मुझे ऑफर कर दिया.

लेकिन उस दौरान मुझे फिल्म करने की इच्छा नहीं थी. काफी कोशिश के बाद मुझे मनाया गया. मैं भोजपुरी फिल्मों को लेकर कॉन्फिडेंट नहीं थी. बिहार से हूँ फिर भी मैं भोजपुरी भाषी नहीं हूँ इसलिए मुझे थोड़ा टफ लग रहा था. लेकिन चूँकि मैं पली-बढ़ी रही हूँ थियेटर के माहौल के ही इर्द-गिर्द और बचपन से मम्मी-पापा को एक्टिंग करते भी देख रही थी. उक्त फिल्म की शूटिंग का लोकेशन था गुजरात के राज पिपला में. तब मैं बहुत मोटी हुआ करती थी, गुलथुल टाइप की.

 

जब मैं फिल्म करने गयी तो लगभग पूरी यूनिट के सामने रवि किशन जी ने बहुत जोर से मुझे डांटा था ये कहते हुए कि “ये क्या है, आलू का बोरा….. इसको काम करने नहीं आता, इसको शर्माने नहीं आता है. एकदम टॉम ब्वॉय है, लड़कों जैसा व्यवहार करती है.” तब मेरे दिमाग में ये चल रहा था कि “कौन है रवि किशन, हीरो होगा अपने घर के लिए, मुझे डांटा कैसे..?” तो गुस्से में मैंने बीच में ही पापा को बोल दिया कि “अभी-के- अभी मुझे पटना जाना है, मुझे नहीं करनी है फिल्म.” फिर मुझे किसी तरह पापा ने मनाया. उसके बाद रवि जी से मेरी बातचीत हुई. मैंने उनसे कहा- “आपको पता है, फिल्म करने का मेरा मन नहीं था. मुझे कुछ नहीं पता है कि आप कौन हो..? हीरो होंगे आप अपने घर में…” तब उनका रिएक्शन था कि “अरे ये क्या बोल रही है, ये तो बड़ी बद्तमीज है.” लेकिन फिर वे समझ गएँ कि बहुत बचपना है मुझमे. क्यूंकि तब मैं बहुत छोटी थी. फिर मैं एक गाना करने के बाद पटना लौट आयी तो आने के साथ ही ये ठान लिया कि “इसबार अगर काम करुँगी तो इतनी पतली होकर जाउंगी कि सब की बैंड बजा दूंगी.  तब ऐसी बचपना वाली सोच थी. उसके बाद जब मैं वापस गयी शूटिंग पर तो मुझे रवि किशन जी ने बहुत सारा चॉकलेट का पैकेट दिया. रवि जी ने मेरा फिगर देखकर बोला- “गुड-गुड-गुड.” तब मेरा भी एटीच्यूड कम नहीं था. मैंने बोला- “अभी देखा, आप भी झुककर आएं ना. देखा, किया ना वेट कम मैंने.”  मैं शूटिंग के वक़्त बिलकुल नर्वस नहीं हुई क्यूंकि सेल्फ कॉन्फिडेंस मुझमे मेरे पापा का दिया हुआ है जो बहुत ही जबर्दस्त है.

एक फिल्म की शूटिंग के वक़्त निरहुआ के साथ अक्षरा सिंह

 

 

पापा हमेशा मेरे साथ सेट पर मौजूद रहते थें. तो एक-एक लाइन मुझे समझाते थें कि कैसे बोलना है, क्या नहीं करना है. तो सारी चीजें आसानी से होती गयीं. फिल्म रिलीज के बाद बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला. तब इंडस्ट्री में पहली बार कोई लड़की पटना जैसे शहर से आयी थी. हर किसी ने बहुत प्रमोट किया, बहुत सपोर्ट किया, और दर्शकों ने भी मुझे पसंद किया.

 

 

 

‘बोलो ज़िन्दगी’ के साथ अपने संस्मरण बयां करतीं अक्षरा सिंह

मेरा पहला टीवी शो था ‘सावधान इण्डिया‘. उसी शो को देखने के बाद ज़ी टीवी वालों ने मुझे रिकमेंट किया ‘सर्विस वाली बहू’ के लिए. और वो मेरा पहला सीरियल था. उसमे बिहारी बेस्ड लैंग्वेज थी. जैसे पटना में हमलोग घर में बात करते हैं वही लैंग्वेज थी. मेरा बड़ा इंट्रेस्टिंग कैरेक्टर था, निगेटिव प्लस कॉमेडी. मुख्य किरदार में थें अतुल जी जो मेरे ससुर बने थें. तो मेरा और उनका ट्यूनिंग बहुत अच्छा रहता था और उसमे जितने भी हिंदी भाषी लोग थें उन सबको पता था कि मैं भोजपुरी हीरोइन हूँ. फिर भी हर किसी ने मुझे सम्मान दिया जो आमतौर पर ऐसा नहीं देखा जाता. ऐसे तो लोग भोजपुरी ऐक्ट्रेस को बड़ी गन्दी नजर से देखते हैं, उन्हें सम्मान नहीं देतें. चूँकि कॉन्सेप्ट ही बिहारी लैंग्वेज वाला था इसलिए तब हर कोई मुझे घेरकर बैठते थें कि “ये वाला लाइन कैसे बोलेंगे जरा बताओ ना.” और ऐसा सीनियर-सीनियर एक्टर्स बोलते थें. और यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी, तब वो क्षण मुझे बहुत ही आनंदित कर जाता था.

About The Author

'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *