केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा फेसबुक पर आयोजित प्रतियोगिता में साल के 100 महिला अचीवर्स में पटना की शालिनी का नाम शामिल किया गया है, जिसमे इनोवेशन के फिल्ड में शालिनी का नाम टॉप पर है. पटना के दीघाघाट, हरिपुर कॉलोनी की रहनेवाली शालिनी दानापुर, बी.एस. कॉलेज में बी.एस.सी. फर्स्ट ईयर की छात्रा हैं. हार्टमन गर्ल्स हाई स्कूल में शालिनी जब 9 वीं क्लास में थी तभी उसने वॉकर विद एडज़स्टेवल लेग का इनोवेशन किया. इसके लिए शालिनी को 2011 में भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी .जे अब्दुल कलाम के हाथों अहमदाबाद में भी सम्मान मिल चुका है.
शालिनी के दादा जी को एक बार चोट लगी तो उन्हें कुछ दिनों तक वॉकर के सहारे चलना पड़ा लेकिन वे सीढ़ियों पर नहीं चढ़ पाते थें. उनके हालात को देखकर शालिनी को ख्याल आया कि ऐसा वॉकर बनाया जाये जिसके सहारे सीढ़ियों या ऊँची-नीची जगहों पर भी चला जा सके. इसके बाद से ही वह इस आइडिया पर वर्क करने लगीं तब वह 8 वीं क्लास की स्टूडेंट थी. डिजाइन तैयार होते ही उसे नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन के पास भेजा जहाँ सेलेक्शन भी हो गया. शालिनी को इस नायाब इनोवेशन के लिए 2011 में अहमदाबाद के आई.आई.एम. में इग्नाइट अवार्ड से सम्मानित किया गया है. 2012 में दिल्ली के प्रगति मैदान और जम्मू में इंडिया साइंस कांग्रेस के प्रोग्राम में शालिनी के एडज़स्टेवल वॉकर की प्रदर्शनी भी लग चुकी है. दिसंबर 2014 में इंडिया मर्चेंट चेंबर में हुए आयोजन में शालिनी को फर्स्ट अवार्ड मिला. 2015 मार्च के ‘फेमिना’ में साइंस इनोवेशन के लिए भी शालिनी का नाम गया था. मार्च 2015 में राष्ट्रपति भवन के एक्जीविशन में शालिनी को स्टूडेंट काउन्सिल अवार्ड मिला. वहीँ पर उनके प्रदर्शन को देखकर द. कोरिया से 2015 में बाई कूरियर ‘बिजनेस मॉडल अवार्ड’ भी भेजा गया था. महाराष्ट्र की कम्पनी ‘कबीरा साउलेशन’ ने अप्रैल 2015 को नागपुर व रायपुर में शालिनी के इस डिजाइन को लांच किया था.
बिहार की इस बेटी की सफलता को देखते हुए सिनेमा इंटरटेनमेंट ने 2016 के सशक्त नारी सम्मान से शालिनी को नवाजा. 3 मार्च से 18 मार्च 2017 को 15 दिन राष्ट्रपति भवन के अंदर जाकर रहने का अवसर भी शालिनी को मिल चुका है. राष्ट्रपति भवन में स्कॉलर्स इन रेसिडेंस प्रोग्राम के तहत 10 लोगों का बतौर चीफ गेस्ट चयन देशभर से हुआ जिसमे से एक शालिनी थी. और यह कार्यक्रम ‘इनोवेशन प्लेटफॉर्म’ के ग्लोबलाइजेशन के लिए आयोजित किया गया था. अक्टूबर 2017, म्यंमार में आयोजित एशिया साइंस फेस्टिवल में विभिन्न देशों के आये साइंस एन्ड टेक्नोलॉजी के प्रतिनिधियों ने शालिनी के एडज़स्टेवल लेग को खूब सराहा.
दो भाई और एक बहन शालिनी के बिजनेसमैन पिता सुबोध कुमार भगत शालिनी की इस कामयाबी से ख़ुशी जाहिर करते हुए कहते हैं कि ‘आमतौर पर हमारे सामाजिक परिवेश में बेटे की शोहरत से बाप-दादा का नाम रौशन होता है लेकिन हमारे घर-परिवार में तो बेटी की वहज से पूरे खानदान का नाम रौशन हो रहा है, इसलिए हमें गर्व है अपनी बेटी के ऊपर’. शालिनी साइंस में रूचि रखने के अलावा बैडमिंटन खेलने एवं डांस का भी शौक रखती है. और वह अपनी स्टडी करते हुए थोड़ा वक़्त निकालकर अपने इन शौक को इंजॉय भी करती है.