8 मार्च 2021, “अंतराष्ट्रीय महिला दिवस” के उपलक्ष्य में बोलो ज़िन्दगी वेलफेयर फाउंडेशन की टीम विभिन्न क्षेत्र विशेष में अपना उत्कृष्ट योगदान दे रहीं पटना की 8 महिलाओं से उनके घर, उनके वर्किंग प्लेस पर जाकर मिली और उन्हें सम्मानित करने के साथ ही उनसे महिला दिवस विशेष सन्देश भी लिया.
अपने-अपने क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त जिन 8 महिलाओं के सन्देश दियें वो हैं :-
पद्मश्री सुधा वर्गीज़, समाजसेविका एवं ‘नारी गुंजन’ की संचालिका, सन्देश :- “बिहार की महिलाएं इस बात को समझें कि आनेवाले पंचायत चुनाव में उनकी 50% भागीदारी रहनी चाहिए, चढ़ बढ़कर के लड़ो-जीतो और जो महिलाएं जीतीं वो अपने पंचायत को हिंसामुक्त एवं बाल विवाह मुक्त बनाएं.”
पद्मश्री डॉ. शांति जैन, वरिष्ठ साहित्यकार एवं बिहार गौरव गान की रचयिता, सन्देश :- “महिलाएं खुद को पहचानें, खुद को साबित करें, आत्मनिर्भर बनें. महिला में जो शक्ति है, जो आग है, जो चिंगारी है वो किसी पुरुष में नहीं है.”
डॉ. प्रो. पूर्णिमा शेखर सिंह, निदेशक, भगौलिक अध्ययन केंद्र, पटना, सन्देश :- “महिलाएं आपस में जुड़ाव बनाकर रखें, अगर महिलाएं किसी भी क्षेत्र विशेष में कार्यरत हैं तो वे इस बात को तबज़्ज़ो दें कि यदि उन्हें महिला एवं पुरुष में से किसी को अवसर देना है तो वे निश्चित तौर पर आगे बढ़कर महिलाओं को अवसर दें.”
आरती जायसवाल, महिला थानाध्यक्ष, पटना, सन्देश :- “महिलाएं सदा अपने को समान्नित महसूस करें और समाज में उन माँओं को ये सन्देश देना चाहूंगी कि अपनी बच्चियों को समाज में घूम रहे कुदृष्टि वाले गलत लोगों से बचाएं.”
पुष्पा सिंह, लोकप्रिय गायिका व ‘चेंज ए लाइफ’ की संस्थापिका, सन्देश :- “अपनी कमी-अच्छाई जो भी है महिलाएं अपने आत्मबल को मजबूत करके संतुलन बनाये रखें और संयम रखते हुए अपने कार्य को क्रियान्वित करती रहें.”
शाज़िया कैसर, बिजनेस वुमन, रिवाइवल शू लॉन्ड्री की ऑनर, सन्देश :- “महिलाएं अपने आप को जेंडर में लिमिट ना करें, वे किसी भी क्षेत्र में जा सकती हैं, आपका महिला होना ताकत है कमजोरी नहीं.”
कंचन देवी, ऑटोरिक्शा ड्राइवर, सन्देश :- “सब महिलाओं की स्थिति मेरी जैसी नहीं है, आपके हसबैंड हैं या नहीं हैं चाहे जैसी स्थिति हो आप कभी किसी पर आश्रित नहीं रहें.”
चंचला कुमारी, पेट्रोलपम्प कर्मी, डाकबंगला पेट्रोल पंप, सन्देश :- “बहुत गरीबी से उठकर हम यहाँ तक आएं हैं कि आज मेरा बेटा मर्चेन्ट नेवी में चला गया है, इसलिए हर महिला हमारी तरह आत्मनिर्भर बने.”
इस स्पेशल कार्यक्रम में सभी 8 महिलाओं को गिफ़्ट स्कॉलर्स ऐबोड स्कूल की तरफ़ से दिए गयें. इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की थी बोलो ज़िन्दगी वेलफेयर फाउंडेशन के फाउंडर-डायरेक्टर राकेश सिंह सोनू ने. तो वहीं उनका भरपूर साथ दिया टीम के सहयोगी प्रीतम कुमार और तबस्सुम अली ने.