बच्चों ने 4 पन्नों का निकाला मासिक अखबार ‘आज उठी है आवाज’

बच्चों ने 4 पन्नों का निकाला मासिक अखबार ‘आज उठी है आवाज’
खुद का अखबार निकालनेवाले बच्चों के साथ (दाएं) ‘बोलो ज़िन्दगी’ के एडिटर राकेश सिंह ‘सोनू’ एवं (बीच में) कार्टूनिस्ट पवन

पटना , 20 नवम्बर, गाँधी मैदान में वर्ल्ड चिल्ड्रन डे के अवसर पर 4 पन्नों के एक मासिक अखबार का लोकार्पण हुआ. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिलाधिकारी श्री संजय अग्रवाल, एस.डी.ओ. भावेश मिश्रा, रेडियो जॉकी शशि, काटूर्निस्ट पवन, किलकारी की निदेशिका ज्योति परिहार एवं स्टूडेंट फ्रेंड के शिव शंकर भोला ने बच्चों द्वारा निकाले जा रहे मासिक अख़बार का विमोचन करके बच्चों का उत्साहवर्धन किया. बच्चों ने ही इस पत्रिका की संस्थापना की, परिकल्पना की, संपादन किया और शीर्षक रखा, ‘आज उठी है आवाज’. पाटलिपुत्रा सर जीडी पब्लिक स्कूल के अश्वनी कुमार, सेंट जेवियर हाई स्कूल के अभिनन्दन गोपाल, विधा निकेतन गर्ल्स स्कूल की प्रियंतरा, प्रियस्वरा एवं वाणिज्य महाविधालय से मनीष कुमार ने मिलकर इस मासिक पत्रिका को शुरू किया है.

मुख्य अतिथि पटना के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल जी ने विमोचन के बाद अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ‘मैं इस पूरी टीम को धन्यवाद दूंगा कि इन्होने बहुत अच्छा काम किया है इस अख़बार को शुरू कर के. बच्चों के मन में कई ऐसी भावनाएं होती हैं जिसको वे सामने लाना चाहते हैं – कहना चाहते हैं. बड़े जो कुछ कहते हैं सोच-समझकर कहते हैं. लेकिन बच्चे बिना लाग-लपेट के कह डालते हैं. वे इनोसेंट माइंड से कहते हैं तो वो बात कई बार अच्छी होती है. मैं चाहूंगा इन बच्चों से कि इस क्रम को आगे भी रखें और इसमें अन्य बच्चों को भी जोड़ें. कई बच्चों में बहुत अच्छी लेखन शैली होती है तो उनको इससे एक प्लेटफॉर्म मिलेगा.’
किलकारी की ज्योति परिहार ने उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि ‘सभी बच्चों ने बहुत अच्छी शुरुआत की और इन्हें स्नेह मिला सभी बड़ों का ये बड़ी बात है. इन्होने कदम बढ़ाया और सबलोग सपोर्ट में खड़े हो गए. अब इनकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है, लगातार मेहनत करनी है, अपने को साबित करना है कि हमसे बेहतर कोई नहीं है और इस अख़बार को बहुत आगे लेकर जाना है.’

बच्चों द्वारा निकाला गया अखबार ‘आज उठी है आवाज’

वहीँ इस मौके पर काटूर्निस्ट पवन ने ‘बोलो ज़िन्दगी’ को  बताया कि ‘आज से दो दिन पहले ये तीन-चार बच्चे मुझे फोन कर रहे थें. मैं बार-बार पूछ रहा था कि क्या बात है या कुछ कार्यक्रम है? तो वे बोले- नहीं, एक काम हमलोग किये हैं वो सिर्फ दिखाना चाहते हैं. जब मिलने गएँ तो बहुत आश्चर्य लगा उनकी उम्र देखकर कि कोई आठवीं में तो कोई नौवीं क्लास में है. उन्होंने एक अख़बार की डमी दिखाई और कहा ये हमलोग निकाले हैं. स्कूल से जब लौटते हैं तो इसी में 10 बजे रात तक लगे रहते हैं. हमको अपना पुराना वक़्त याद आ गया जिस समय हम स्कूल में पढ़ते हुए कार्टून बनाते थें और उसी समय दैनिक अमृतवर्षा में बच्चों का एक पूरा पेज शुरू करवाए थें जिसे हमलोग देखते थें. तो वो दौर याद आया कि बिल्कुल मेरी तरह ये बच्चे भी खुद पढ़ रहे हैं और अपने अख़बार की सोच रहे हैं. ये मुझे बहुत पसंद आया. बच्चों ने कहा कि कैसे इसका लॉन्चिंग कराएं कि लोग जाने. फिर मैंने इनके लिए कुछ विशिष्ट लोगों को कॉल करके आज के दिन कार्यक्रम में बुलवाया और एक कार्यक्रम की रुपरेखा तैयार की. आज जितना ये खुश हैं उतना ही हम इनके चेहरे पर आयी मुस्कान देखकर खुश हैं. मैं आगे भी इनको गाइड करता रहूँगा कि अख़बार कैसे चलाया जाये और लोगों को कैसे जोड़ा जाये.’

अभिनन्दन ने बताया कि – ‘अख़बार निकालने से पहले बहुत लोगों से सलाह लिया और उसके बाद बहुत लोगों ने मना भी किया ये कहकर कि अखबार की मार्केटिंग बहुत हार्ड होती है. लेकिन फिर भी हमने हिम्मत करके ये फैसला किया कि एक बार रिस्क लेकर देखते हैं. और फिर सबकुछ बहुत कम समय में जल्दी-जल्दी हुआ. फिर बड़े लोगों के सहयोग से यह अख़बार सबके सामने है.’ 10 वीं कक्षा के अश्वनी जो इस अखबार के संस्थापक होने के साथ-साथ संपादक मण्डली में शामिल हैं ने बताय कि ‘मैं साहित्य समेलन से जुड़ा हुआ हूँ. वहां अक्सर कवि सम्मलेन होते हैं. एक बार मैं बस वहां गया था तो मैंने वहां स्टेज पर कविता सुनाई थी. वहां मेरी ही उम्र के कुछ दोस्तों ने कहा कि ऐसा है कि हम भी लिखते हैं तो हम सबको किसी अख़बार से जुड़ना चाहिए. वापस लौटने के बाद इस सन्दर्भ में मुझे ख्याल आया कि हमें एक अख़बार निकालना चाहिए. उसी दिन मैंने नाम भी तय कर लिया फिर साथियों के साथ मिलकर सारे कॉलम तय कर लिए. हमने सम्पादक टीम बना ली. रचनओं पर काम किया फिर कुछ दिन में ये छप कर आ गयी. आज इस अख़बार के लॉन्चिंग में विशेष मदद की भोला जी ने और गाइड का काम किया कार्टूनिस्ट पवन जी ने. इसके संपादक मण्डली में मेरे अलावा हैं प्रियंतरा और अभिनन्दन गोपाल वहीँ इस अखबार के लिए रचनात्मक काम में मेरा सहयोग देनेवाले मित्र हैं प्रियस्वरा और मनीष.’
वहीँ आर.जे. शशि ने माहौल में गुदगुदी भरी और हंसी की फुलझड़ी के साथ बच्चों को प्रोत्साहित किया.  शशि ने अख़बार में छपी एक कविता पढ़कर सुनाई. बच्चों ने इस अवसर पर कार्टूनिस्ट पवन को इस आयोजन में विशेष योगदान के लिए,जिसमे उन्होंने एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाई तहे दिल से धन्यवाद दिया. खास सहयोग के लिए भोला जी को भी धन्यवाद दिया. काफी उत्साह एवं जुनून के साथ बच्चों ने इसे और भी आगे बढ़ाते रहने का फैसला किया.

About The Author

'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).

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