नेत्रदान-अंगदान-रक्तदान के सन्देश के साथ 51 जोड़ियों का संपन्न हुआ सामूहिक विवाह

नेत्रदान-अंगदान-रक्तदान के सन्देश के साथ 51 जोड़ियों का संपन्न हुआ सामूहिक विवाह

 

51 जोड़े सामूहिक रूप से विवाह बंधन में बंधते हुए – एक विवाह ऐसा भी

 

 

पटना, जब 51 घोड़ों पर बैठकर 51 दूल्हे एक साथ बारात में निकलें तो राह में लोग ऐसी अनोखी बारात आश्चर्य से देखते ही रह गएँ. एक ही साथ जब 51 जोड़ियों का जयमाल हुआ तो इस हसीं पल के गवाह शहर के सैकड़ों लोग बनें…51 मंडपों में 51 पंडितों ने मंत्रोचार करते हुए जब एक साथ 51 जोड़ों को हमेशा-हमेशा के लिए परिणय सूत्र में बाँध दिया तो उन्हें आशीर्वाद देनेवालों का हुजूम जमा हो गया. यह नजारा था बीते रविवार, 7 जुलाई की शाम का जहाँ माँ वैष्णो देवी सेवा समिति द्वारा इस वर्ष भी 51 जोड़ियों का पुनः दहेज मुक्त सामूहिक विवाह (एक विवाह ऐसा भी) का 10 वा संस्करण श्री कृष्ण मेमोरिअल हॉल में आयोजित किया गया। इस अनूठे विवाह में उपमुख्यमंत्री श्री सुशील कुमार मोदी जी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए और जोड़ो को अपना आशिर्वाद प्रदान किएँ।

 

 

 

अतिथियों का स्वागत करते हुए समिति के अध्यक्ष सुशील सुन्दरका ने कहा कि “समिति बिहार के आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटी, बेटो को एक मंच पर लाकर दहेज मुक्त विवाह का संदेश लोगो तक पहुचाने मे विश्वास रखती है। सचिव कमलेश सिंह ने बताया कि “महाराणा प्रताप भवन में 11 बजे से संगीत और मेहंदी का भी आयोजन किया गया और साथ मे पारंपरिक गीत के साथ रस्मो को पूरा किया गया ! महाराणा प्रताप भवन से संध्या 3,50 बजे 51 लड़को की बारात 51 घोड़ो पर बाजे गाजे के साथ निकली।” वहीँ कोषाध्यक्ष सतीश अग्रवाल ने कहा कि “पटना के तीन प्रमुख बैंड पार्टी श्री दुर्गा बैंड, श्री शंकर बैंड एवं माँ दुर्गा बैंड अपनी निःशुल्क सेवा दिए एवं बारातियो के साथ बैंड बाजा बजाते हुए महाराणा प्रताप भवन से विवाह एवं कार्यक्रम स्थल श्री कृष्णा मेमोरियल हॉल तक आये।”

 

अपने-अपने क्षेत्र में परचम लहरानेवाले कुछ विशिष्ठ अतिथियों को माँ वैष्णो देवी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया

कृष्णा मेमोरियल हॉल के बाहरी परिसर में विवाह हेतु 15 हजार स्क्वायर फ़ीट में एक पंडाल बनाया गया था जिसके नीचे 51 मंडप में 51 पंडित द्वारा 51 जोड़ो का विधिपूर्वक विवाह सम्पन करवाया गया। 51 जोड़ो के विवाह के आयोजन के साथ सामाजिक सरोकार के तहत जीते जी रक्त दान और मरणोपरांत देहदान/नेत्रदान के संबंध में जागरूकता का संदेश देने के लिए पटना आये ‘आज तक’ के संजय सिन्हा ,लोकप्रिय गायक दिवाकर शर्मा और गायिका सुश्री इशिता विश्वकर्मा से बिहार के अनूठे दानवीर भी रूबरू हुए।

इसी के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कृष्णा मेमोरियल हाल में आयोजित किये गए। ज़ी टीवी के लोकप्रिय शो “सा रे गा मा पा” की विजेता सुश्री ईशिता विश्वकर्मा और लोकप्रिय नेत्रहीन गायक दिवाकर शर्मा ने अपने गीतों से लोगो को मंत्रमुग्ध किया। कृष्णा मेमोरियल हॉल में संध्या 5,30 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। डांस एवं कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम से शुरुआत की गयी। बारात आगमन पर 6000 लोगो ने स्वरुचि भोज किया.

हर साल की तरह इस साल भी माँ वैष्णो देवी सेवा सम्मान 2019 के लिए 5 लोगो का चयन किया गया, जिसमे लोक गायिका पद्मश्री श्रीमति शारदा सिन्हा जी , स्वेता साही (अंतररष्ट्रीय रग्बी प्लेयर), आंनद दत्ता एवं टीम (समाज सेवा ),पवन कुमार (कला एवं संस्कृति यूट्यूब), गुड्डु खेतान (सोशल मीडिया) जैसे युवा हैं जो अपने देश का परचम दुनिया मे लहरा रहे है।

 

बोलो जिंदगी के निदेशक राकेश सिंह ‘सोनू'(बाएं) को 51 जोड़ियों को उपहार स्वरुप दिए जानेवाले गृहस्थी से संबंधित सामान दिखते हुए समिति के सदस्य

 

 

माँ वैष्णो देवी सेवा समिति के कुछ सहयोगियों नरेश अग्रवाल, आलोक अग्रवाल एवं अन्य ने बोलो ज़िन्दगी को यह बताया कि, “आर्थिक रूप से कमजोर 51 जोड़ों के दहेज मुक्त सामूहिक विवाह के पश्चात समिति की तरफ से नए विवाहित जोड़ों को घर-गृहस्थी संवारने के उद्देश्य से कुछ विशेष उपहार दिए जाते हैं…इस उद्देश्य से कि उपहार में दी गयी सायकिल चलाकर मर्द काम-काज पर जाएगा तो वहीं भेंट की हुई सिलाई मशीन का इस्तेमाल कर घर की औरत आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ घर-गृहस्थी चलाने में अपने मर्द को सहयोग करेगी…जिससे दोनों में ही एक-दूसरे के लिए प्यार-सम्मान बना रहे. इतना ही नहीं ये नए जोड़े अपनी घर-गृहस्थी को सुचारू ढंग से चलाएं उसके लिए उन्हें 15 दिनों का अनाज और रोजमर्रा के कुछ सामान भी उपहार स्वरूप दिए जाते हैं.”

 

 

 

 

कार्यक्रम में उपस्थित बोलो ज़िन्दगी टीम के सदस्य तब्सुम अली (मध्य में ऊपर) एवं प्रीतम कुमार (बाएं नीचे) सेलिब्रिटी गायक दिवाकर शर्मा के साथ

 

कार्यक्रम के अंत मे सभी नवविवाहित दम्पत्तियों को घर-गृहस्थी संबंधित ऊपहार देकर विदा किया गया।

इस भव्य कार्यक्रम को सफल बनाने में समिति के सुशील सुन्दरका, कमलेश सिंह, सतीश अग्रवाल, अरविंद आनंद (प्रवक्ता), जगजीवन सिंह, मुकेश हिसारिया, कन्हैया अग्रवाल, जितेन्द्र जीतू, गोपी तुलसियान, प्रदीप अग्रवाल, आलोक अग्रवाल, राजेश बजाज, मनीष बनेटिया, संजयजी, सतीश खेमानी, मनीष जी, सुभाष अग्रवाल , श्रवण टिबरेवाल, सुनील गोयल, पंकज लहुरका, उमेश कुमार, कन्हैया लाल सिंघल, पण्डित चंद्रमोहन भट्ट, अरविंद सर्राफ, दिलीप अग्रवाल, विनय बजाज, राजीव कुमार, विनय जी, श्रवण जी, मोहन सर्राफ, महेश कुमार (बालाजी कैटरर), नरेश अग्रवाल, अरुणेश मिश्रा आदि का सहयोग रहा।

 

About The Author

'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).

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