“घर से दूर नया ठिकाना अब यही खुशियों का आशियाना, वो दोस्तों के संग हुल्लड़पन वो नटखट सा मेरा बचपन, हाँ अ ...
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पहला ही दिन कॉलेज से लौटते वक्त हॉस्टल का रास्ता भटक गयी थी : ममता
पहला ही दिन कॉलेज से लौटते वक्त हॉस्टल का रास्ता भटक गयी थी : ममता
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तब एहसास हुआ कि पापा मुझे कितना प्यार करते हैं : दिव्या सिंह
तब एहसास हुआ कि पापा मुझे कितना प्यार करते हैं : दिव्या सिंह
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खूब रोने के बाद हमने घर पर कॉल किया और सबको झूठ बोला कि हम बिल्कुल ठीक हैं : सुमन
खूब रोने के बाद हमने घर पर कॉल किया और सबको झूठ बोला कि हम बिल्कुल ठीक हैं : सुमन
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पहली बार खुद से अपनी जरुरत का सारा सामान खरीदी थी : रितु तिवारी
पहली बार खुद से अपनी जरुरत का सारा सामान खरीदी थी : रितु तिवारी
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बच्चियों से एडजस्ट करना सीखा
बच्चियों से एडजस्ट करना सीखा
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पहली रात आँखों में कटी
पहली रात आँखों में कटी
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रूममेट के साथ बातचीत से मन हुआ हल्का
रूममेट के साथ बातचीत से मन हुआ हल्का
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रूममेट ने मुझे संभाला
रूममेट ने मुझे संभाला
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सपना था हॉस्टल में रहना
सपना था हॉस्टल में रहना