पटना, (स्टोरी : राकेश सिंह ‘सोनू‘, फोटोग्राफी : प्रीतम ) बाहर हो रही थी झमाझम बारिश तो अंदर उड़ रहा था खाने का जायका…. एक नहीं, दो नहीं, पूरे 10 लज़ीज डिश देखकर मुँह में पानी आ रहा था. अवसर था कुकिंग कम्पटीशन का जहाँ चुनी जानेवाली थीं कोई एक ‘मल्लिका-ए-जायका’.
30 जून, रविवार की सुबह बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन ने ‘मल्लिका-ए-जायका’ के नाम से रेसिपी कॉन्टेस्ट का आयोजन किया जिसमे पटना की 10 चयनित महिलाओं ने हिस्सा लिया. और इस प्रतियोगिता में मल्लिका-ए-जायका बनीं अमृता सोनी, फर्स्ट रनरअप रही रूपम झा तो सेकेंड रनरअप रहीं मोनिका प्रसाद.
यह कॉन्टेस्ट मोतीमहल डिलक्स रेस्टोरेंट, ईस्ट बोरिंग केनाल रोड में आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम का स्पेशल मोमेंट था जब घर-घर जाकर खाना बनानेवाली तीन जरूरतमंद कुक महिलाओं उर्मिला देवी, सुमित्रा देवी एवं सुमन देवी को विशेष तौर पर बोलो ज़िन्दगी द्वारा सम्मानित किया गया. बोलो ज़िन्दगी के निदेशक राकेश सिंह ‘सोनू’ ने यह सम्मान खुद ना देकर अपनी माँ श्रीमती ललिता देवी के हाथों दिलवाया.
वहीँ इन तीनों ही कुक महिलाओं को मौके पर 500 रुपये की सहयोग राशि प्रदान कर उनका हौसला बढ़ाया स्कॉलर्स एबोड की मैनेजर स्मृति रावत ने.
इस आयोजन के मुख्य स्पॉन्सर्ड थें ईस्ट बोरिंग कैनाल रोड स्थित मोतीमहल डिलक्स रेस्टुरेंट और कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कॉलर्स एबोड की ऑनर डॉ. बी. प्रियम, रामनगरी आशियाना, माँ वैष्णवी ज्वेलर्स के ऑनर पप्पू जी का भी सपोर्ट रहा.
इस अवसर पर बोलो ज़िन्दगी के निदेशक राकेश सिंह ‘सोनू’ ने कहा कि “जिन महिलाओं के हाथों में स्वाद का जादू है, जिनके रसोई में जाने से खाने की खुशबू बढ़ जाती है और नए-नए रेसिपी बनाना जिनका शौक है, उन्हें बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन ने मौका दिया “मल्लिका-ए-जायका” बनने का. उनके हुनर के लिए पहली शर्त है हेल्दी फूड यानी रेसिपी कम स्पाइसी और कम ऑयली हो.”
मल्लिका-ए-जायका रेसिपी कॉन्टेस्ट की जज बनी थीं वैसी 4 महिलाएं जिनका वास्ता खाने-पकाने से है. 1) स्वाति शिखा- मास्टर सेफ सीज़न -1 (स्टार प्लस) की फाइनलिस्ट एन्ड कूकरी ऑथर, 2) जनक किशोरी – ऑनर, मनाची फूड प्रोडक्ट, 3) किरण उपाध्याय – ऑनर, किरण उपाध्याय की रसोई यूट्यूब चैनल एवं 4) बिभा कुमारी, ब्लॉगर, बिभास किचेन.
दीप प्रज्वलन के बाद चारों सेलिब्रेटी महिलाओं को पौधा भेंटकर स्वागत किया मोती महल डिलक्स रेस्टोरेंट के ऑनर संतोष कुमार पांडेय जी ने. कार्यक्रम में हिस्सा लेनेवाली सभी प्रतिभागियों को गाइड व कुकिंग कॉन्टेस्ट का संचालन कर रही थीं बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन की टीम कॉर्डिनेटर तबस्सुम अली और उनका साथ दे रहे थें कार्यक्रम हेड प्रीतम. वहीँ मीडिया को इंटरटेन कर रहे थें उज्जवल.
सभी प्रतिभागी महिलाओं को सम्मानित करने के लिए बोलो ज़िन्दगी ने कुछ यूनिक मोमेंटो की व्यवस्था की हुई थी. वुडेन छोलनी के रूप में रिएल किचेन आइटम से यह खास मोमेंटो तैयार किया गया था. यह मोमेंटों विजेताओं के अलावा सभी भाग लेनेवाले कॉंटेस्टेंट को दिया गया.
मोतीमहल डिलक्स के ऑनर संतोष कुमार पांडेय ने सभी प्रतिभागियों को अपने रेस्टोरेंट का विशेष फ़ूड कूपन भेंट किया. इसपर जजेस ने चुटकी लेते हुए रेस्टोरेंट के ऑनर से कहा कि “सिर्फ प्रतिभागियों को ही ये विशेष कूपन मिलेगा हमलोगों को नहीं…?” तब ऑनर संतोष पांडेय जी ने कहा- “आपलोग भी आएँगी तो आप पर भी पूरा ध्यान दिया जायेगा.” बोलो जिंदगी फाउंडेशन की तरफ से टॉप 3 विजयी प्रतिभागियों को एक आकर्षक गिफ्ट भेंट किया गया. वहीँ बोलो ज़िन्दगी के निदेशक राकेश सिंह ‘सोनू’ के पहले नॉवेल ‘एक जुदा सा लड़का’ भी गिफ्ट स्वरूप सभी प्रतिभागियों को दिया गया.
इस रेसिपी कॉन्टेस्ट में भाग लेनेवाली 10 महिलाएं थीं – फ़िरोज़ा खातून, आरती कुमारी, मधु श्रीवास्तव, श्वेता सागर, मोनिका प्रसाद, किरण भगत, नेहा पासवान, अमृता सोनी, ताहिरा अली एवं रूपम झा.
मल्लिका -ए-जायका – विजेता बनीं अमृता सोनी किन्नर समाज से आती हैं, काफी संघर्षों के बाद उन्होंने अपनी जिंदगी को एक मुकाम पर लाया है. वो एच आई वी पीड़ितों के लिए सामाजिक कार्य भी करती हैं. उन्होंने प्रतियोगिता जीतने के बाद अपने वक्तव्य में कहा कि – “कभी उनकी माँ ने कहा था कि अगर किसी का दिल जितना है तो सबसे पहले उसके पेट को खुश करो… अगर उसे टेस्टी खाना खिलाओगे तो वो कभी भी आपको माइंड से नहीं निकाल सकता. बस वही बात को ध्यान में रखकर मैंने इस रेसिपी प्रतियोगिता में भाग लिया और सारे नियम भी कायदे से फॉलो किए.” अमृता जी की जिस रेसिपी ने उनको विनर बनाया वो है मल्टीग्रेन टिक्की जो सोयाबीन, मूंग, काबली, ओट के मिश्रण से तैयार हुई थी जिसमे ज्यादा तेल-मसाले का भी इस्तेमाल नहीं हुआ. जजेस ने भी माना कि बहुत कम तेल-मसाले से तैयार हुई यह टिक्की एक हेल्दी फ़ूड भी है.