21 सितंबर, शनिवार की शाम ‘बोलो ज़िन्दगी फैमली ऑफ़ द वीक’ के तहत बोलो ज़िन्दगी की टीम (राकेश सिंह ‘सोनू’, प्रीतम कुमार एवं तबस्सुम अली) पहुंची पटना के खगौल इलाके में ‘ओपन लाइफ डांस एकेडमी’ के ऑनर नवीन कुमार के घर. फैमली ऑफ़ द वीक में हमारे स्पेशल गेस्ट के रूप में एमवे कम्पनी में कार्यरत और Iconoclasts Sports & Entertainment Pvt Ltd कम्पनी के ऑनर अजय झा भी शामिल हुयें. इस कार्यक्रम को स्पॉन्सर्ड किया है बोलो जिंदगी फाउंडेशन ने जिसकी तरफ से हमारे स्पेशल गेस्ट के हाथों नवीन कुमार की फैमली को एक आकर्षक गिफ्ट भेंट किया गया.
फैमली परिचय– पापा श्री कृष्णा प्रसाद रेलवे में जॉब करते थें अब रिटायर्ड हैं. माँ संध्या देवी गृहणी हैं, भाई नितीश कुमार अभी कम्पटीशन की तैयारी कर रहे हैं. दो बहने हैं जिनकी शादी हो चुकी है. परिवार में किसी को डांस में रूचि नहीं थी लेकिन नवीन को देखते-देखते उनकी भतीजी रतन प्रिया जो अभी 5 वीं में है डांस सीखने लगी. नवीन को शुरू से ही फैमिली सपोर्ट मिला है.
ओपन लाइफ डांस एकेडमी की शुरुआत – नवीन फिजिक्स ऑनर्स से ग्रेजुएशन करने के बाद डांस के क्षेत्र में ही रम गएँ. चार-पांच सालों से डांस सीख रहे थें. पहले एक फ्रेंड की एकेडमी में डांस सिखाते थें लेकिन बाद में कुछ मनमुटाव होने के बाद वहां छोड़कर खुद की डांस एकेडमी शुरू की. रोहित पार्टनर के रूप में साथ दे रहे हैं. इनके एक भइया हैं विशाल यादव उनके सपोर्ट से ही इन्होने एकेडमी खोली. पहले दूसरे एकेडमी में जहाँ बच्चों को सिखाते थें फिर जब छोड़ दिए तो उन्ही बच्चों में से कुछ ने कहा कि “सर आप अपना एकेडमी खोलिये हमलोग आपसे वहां सीखने आएंगे.” क्यूंकि पहले वाली एकेडमी में बच्चे संतुष्ट नहीं थें, वहां के टीचर से वे खुश नहीं थें. जब पहलेवाली डांस एकेडमी छोड़ी तब नवीन को बहुत अकेलापन महसूस हुआ. बच्चों को सिखाते थें तो उनके साथ की उन्हें आदत पड़ चुकी थी. जब खाली होकर घर बैठ गएँ तो वही बच्चे अक्सर पूछा करते कि “सर अपना डांस एकेडमी आप कब खोल रहे हैं…?” फिर उसी वक़्त विशाल यादव मिलें और उन्होंने अपने स्कूल में नवीन को डांस सिखाने का ऑफर किया. फिर उनके सलाह पर ही नवीन ने खुद की एकेडमी भी खोली. उन्होंने ही जगह दिलाई और करीब एक साल तक एकेडमी का किराया भी नहीं लिया. फिर जैसे-जैसे नवीन के पास स्टूडेंट बढ़ते गएँ उन्होंने कुछ किराया देना चालू किया. एकेडमी में 3 साल के बच्चों से लेकर 25 साल तक के युवा भी हैं. नवीन एकेडमी क्लास में हिप हॉप, क्लासिकल, लिरिकल, स्टंट, फोक, सेमि क्लासिकल इत्यादि सिखाते हैं.
गरीब बच्चों को फ्री ट्रेनिंग – जब नवीन ने एकेडमी खोली तो बहुत से बच्चे ऐसे आएं जो बहुत ही गरीब फैमली से थें और वो फ़ीस देने में सक्षम नहीं थें. लेकिन उन्हें डांस सीखने का जुनून था तो हुआ यूँ कि जब उन्हें ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से कुछ पैसे मिलते थें तो वे लाकर पैसे नवीन को दे देते थें. फिर जब नवीन को उनकी सच्चाई पता चली तब उन्होंने उन बच्चों का फीस माफ़ कर दिया. अभी एकेडमी में 35 बच्चे हैं जिनमे लगभग 20 बच्चों से वे फ़ीस नहीं लेते क्यूंकि वो सक्षम नहीं हैं. इसलिए अभी डांस एकेडमी चलाने में नवीन को थोड़ी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है. फिर भी नवीन कहते हैं, “लेकिन बच्चों के चेहरों पर जो ख़ुशी देखने को मिलती है वो अनमोल है.”
डांस से जुड़ाव – नवीन को बचपन से ही डांस का शौक था. टीवी पर देखकर खुद से डांस करने की कोशिश करते थें. इनके गुरु का नाम है राजकुमार जो डांस की बदौलत ही रेलवे में जॉब पाएं तो उनसे प्रभावित होकर नवीन भी डांस सीखना शुरू किएँ. 13 साल की उम्र में जब राजकुमार सर के पास गए तो वहां उनसे 5 साल तक डांस सीखा.
अबतक क्या कुछ किया ? – 3 सालों से अपनी एकेडमी की तरफ से कुछ स्कूलों में भी परफॉर्म किया है. कम्पटीशन में भी हिस्सा लिए,शो के लिए समस्तीपुर, डेहरी ऑन सोन, लखनऊ इत्यादि जगहों पर जाकर शो कर चुके हैं. रेलवे के कार्यक्रमों में भी ये शो करते रहते हैं.
गेस्ट का सवाल – जब स्पेशल गेस्ट अजय झा ने नवीन से सवाल किया कि “अपने एकेडमी को लेकर या अपनी पर्स्नल लाइफ को लेकर अगले 5 सालों में देखें तो आपका विजन क्या है ?” नवीन ने कहा – “एकेडमी की बात करें तो मेरा गोल है कि अभावग्रस्त बच्चों को सलेक्ट करके उन्हें उस मुकाम तक पहुंचाऊं कि मेरी एकेडमी का भी नाम हो और उन्हें भी एक मंजिल मिले. जहाँ तक मेरी पर्स्नल लाइफ की बात है तो मेरी अलग से कोई ख्वाहिश नहीं है. मेरे एकेडमी के बच्चे ही मेरे सपने हैं. अगर ये बच्चे हैं तभी मैं भी हूँ. उनकी सफलता ही मेरी सफलता होगी.”
नवीन जब हमें अपनी डांस एकेडमी दिखाने और अपने एकेडमी के बच्चों से मिलवाने ले गएँ जो घर से थोड़ी ही दूर पर है तो बोलो जिंदगी टीम और स्पेशल गेस्ट की फरमाईश पर नवीन ने खुद और फिर एकेडमी के बच्चों का डांस भी दिखाया जिसे देख सभी ने दिल खोलकर सराहना की.