दिनांक, 18 मई 2018, पटना स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में कला संस्कृति प्रकोष्ठ के तत्वधान में फिल्म विभाग प्रकोष्ठ द्वारा बालश्रम पर केंद्रित दो शॉर्ट फिल्मों ‘एक सोच’ एवं ‘परछाइयां’ का प्रदर्शन किया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बिहार सरकार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा एवं बिहार विधान सभा के मुख्य सचेतक अरुण कुमार सिन्हा जी, भाजपा प्रदेश मंत्री एवं कला संस्कृति प्रकोष्ठ की प्रभारी श्रीमती अमृता भूषण राठौर उपस्थित हुए. अपने वक्तव्य में श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि “आज इन कलाकारों ने शॉर्ट फिल्म के माध्यम से समाज के उस विषय को स्पर्श किया है जिसके लिए हमारी सरकार ने भी एक अभियान शुरू किया है. आज हमारा बचपन जो देश का उत्तरदायित्व बनेगा कहीं-ना-कहीं समाज के द्वारा ही उस बचपन को छीनने और कुचलने का काम होता है. इस बचपन को बचाने के लिए आज देश ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर चिंतन चल रहा है, एक अभियान चल रहा है. अगर ऐसे में भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ के युवा महज 3 मिनट की शॉर्ट फिल्म के माध्यम से इस ज्वलंत समस्या की ओर समाज का ध्यान पूरी गंभीरता से खींचते हैं तो यह बहुत बड़ी बात है. और यह प्रयास आगे भी होते रहने चाहियें.”
वहीँ कला संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक वरुण कुमार सिंह ने कहा – “बिहार भाजपा कला संस्कृति प्रकोष्ठ बालश्रम को मिटाने के लिए अपनी पूरी टीम के साथ सराहनीय काम कर रही है. इन दो प्रदर्शित लघु फिल्मों के माध्यम से हमारे कलाकारों ने इस ओर ध्यान दिलाने की कोशिश की है कि नन्हें बच्चों की यह उम्र उनके पढ़ने और बचपन संजोने की है. उसे अपने स्वार्थ की वजह से यूँ ही जाया ना किया जाये.”
वहीँ विशिष्ठ अतिथि के तौर पर उपस्थित हुए चर्चित टीवी धारावाहिक ‘उड़ान‘ एवं ‘बालिका बधु’ के डायरेक्टर चेतन शर्मा भी उपस्थित रहें और उन्होंने इन शॉर्ट फिल्म के युवा निर्देशकों को और बढ़िया करने के लिए प्रोत्साहित किया. इस पूरे कार्यक्रम का सफल मंच संचालन किया कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सह-संयोजक आनंद पाठक ने और उन्होंने भी इस फिल्म से जुड़े युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करते हुए कहा- ” फिल्म एक ऐसा माध्यम है जिसे हम बड़ी आसानी से व्यापक फलक पर अपना मैसेज समाज के बीच भेज सकते हैं.” इस क्रायक्रम की परिकल्पना तैयार की थी फिल्म विभाग के प्रदेश संयोजक अक्षत प्रियेश ने और उन्होंने ‘एक सोच’ फिल्म के बाल कलाकार को इंट्रोड्यूस करते हुए कहा कि ” बाल कलाकार अभिषेक के पिता एक रिक्शाचालक हैं और अभिषेक खुद दानापुर, खगौल में अंडे बेचता है. लेकिन उसे एक्टिंग का जुनून है और पढ़ाई के साथ थियेटर करते हुए उसने अबतक ढ़ेरों नाटक एवं शॉर्ट फिल्मों में अभिनय किया है. हमें ऐसे कलाकारों को बढ़ावा देने की जरुरत है.”
इसी के साथ मुख्य अतिथियों ने फिल्म ‘एक सोच’ के मुख्य बाल कलाकार अभिषेक और उसके युवा निर्देशक चन्दन कुमार के साथ-साथ फिल्म ‘परछाइयां‘ के मुख्य कलाकार राजेश राजा और उसके निर्देशक राजू सिन्हा को सम्मानित किया.
पूरे कार्यक्रम को सही दिशा में ले जाने में प्रदेश सह-संयोजक फिल्म विभाग, बबिता यादव, जिला संयोजक पटना महानगर सुलभा सिन्हा, स्नेह गुप्ता और अन्य सदस्य नित्या किरण, अर्चना सिन्हा, निशा गुप्ता, अनंत सिंह, रंजीत श्रीवास्तव, मनीष चंद्रेश, अमरजीत, सुनील चोटी का योगदान सराहनीय रहा. कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुए मंच संचालक एवं कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सह-संयोजक आनंद पाठक ने अपने ही अंदाज में बाल श्रम पर तंज कसते हुए एक शेर अर्ज़ किया कि “अभी तो तेरे पंख उगे थें, अभी तो तुझको उड़ना था…और जिन हाथों में कलम शोभती उनमे कुदाल क्यों पकड़ना था.”