तीन पीढ़ियां ने एक साथ गाया “आओ कुछ गुनगुनाएं” अंत्याक्षरी कार्यक्रम में

तीन पीढ़ियां ने एक साथ गाया “आओ कुछ गुनगुनाएं” अंत्याक्षरी कार्यक्रम में

गेस्ट ऑफ़ ऑनर का वेलकम करते बोलो ज़िन्दगी के फाउंडर-डायरेक्टर राकेश सिंह ‘सोनू’

 

पटना,  “दीवाना मुझको लोग कहें, मैं समझूँ जग है दीवाना…” यह गीत गा रहे थें दादा जी के उम्र के बुजुर्ग और तालियां बजाकर उनकी हौसलाअफजाई कर रही थी नयी पीढ़ी.  “मोहब्बत अब तिजारत बन गई है…” यह गीत गा रहे थें अभिभावक उम्र के शख्स और उनको प्रोत्साहित कर रहे थें वहां मौजूद बुजुर्ग सदस्य. “तुझे देखा तो ये जाना सनम प्यार होता है दीवाना सनम….” और यह गीत गा रहे थें नयी पीढ़ी के बच्चे जिनका पूरा सपोर्ट कर रहे थें अभिभावक और दादा जी की उम्र के लोग. यह नज़ारा था अंत्याक्षरी कार्यक्रम का जहाँ खेल रहे थें एक साथ तीन तीन पीढ़ियों के लोग. समाज में संयुक्त परिवार की महत्ता बताने के लिए एवं नयी पीढ़ी व पुरानी पीढ़ी के बीच की दूरियों को कम करने के उद्देश्य से बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन ने इस फादर्स डे के अवसर पर 16 जून, रविवार की शाम सामाजिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम (आओ कुछ गुनगुनाएं – अंताक्षरी विद थ्री जेनरेशनस) का आयोजन पटना के इको पार्क – 2  में किया था.

 

 

 

अपनी-अपनी टीम को लीड करते हुए अंताक्षरी खेलते हुए मुख्य अतिथिगण

 

 

जहाँ एक साथ तीन-तीन पीढ़ियां शामिल हुईं और गाने गुनगुनाते-गुनगुनाते जेनरेशन गैप की समस्या को भी सुलझाती पायी गयीं. इस कार्यक्रम में कंटेस्टेंट और ऑडियंस के रूप में शामिल हुईं यूथ फॉर स्वराज की लड़कियां, पुरोधालय क्लब के बुजुर्ग सदस्य और कुछ अन्य अभिभावकगण. कार्यक्रम के गेस्ट ऑफ़ ऑनर थें श्री श्याम जी सहाय (पूर्व आई. ए. एस.) , प्रो. पूर्णिमा शेखर सिंह (वाइस प्रिंसिपल, ए. एन. कॉलेज) , वरुण कुमार सिंह (अध्यक्ष, बीजेपी कला संस्कृति प्रकोष्ठ), श्वेता सुरभी (आर.जे., बिग एफ.एम.) और प्रणय सिन्हा (सचिव, पुरोधालय) .

 

 

 

 

 

गेस्ट ऑफ़ ऑनर को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित करते हुए राकेश सिंह ‘सोनू’

 

 

 

 

अंताक्षरी कार्यक्रम 5 टीमों के बीच खेला गया और प्रत्येक टीम में तीनों पीढ़ियों के एक-एक सदस्य शामिल हुयें. प्रत्येक टीम का नेतृत्व एक-एक विशिष्ठ अतिथि कर रहे थें और उनके नामों से ही पांचों टीमों की पहचान हो रही थी.

 

 

 

 

 

विजेता और उपविजेता टीम को सम्मानित करते हुए मुख्य अतिथिगण

 

इस अवसर पर बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन के निदेशक राकेश सिंह ‘सोनू’ ने बताया कि “हमारी टीम कॉडिनेटर तबस्सुम अली का यह आईडिया था कि कुछ ऐसा करें जहाँ एक साथ तीन पीढ़ियों का समावेश हो और हम वो खोया हुआ पल वापस लाने की कोशिश करें. फिर मैंने और कार्यक्रम प्रभारी प्रीतम ने इस कार्यक्रम को ऐसा डिजाइन किया. हमारा उद्देश्य है ऐसे आयोजनों से ही समाज में व्याप्त जेनरेशन गैप को कम किया जा सकता है यह बताना और नई पीढ़ी को ज्वाइंट फैमिली के योगदान एवं महत्व को समझाना.

अंत्याक्षरी कार्यक्रम में कुल 5 राउंड खेले गएँ और अंत में बिग एफ.एम. की आरजे श्वेता सुरभी की टीम विजेता बनी. अपनी टीम के विजेता सदस्यों को खुद अपने ही हाथों श्वेता सुरभी ने मैडल पहनाकर और गिफ्ट देकर सम्मानित किया. बाकि 4 टीम के सदस्यों को भी अपनी-अपनी टीम को लीड करनेवाले अतिथियों ने सांत्वना पुरस्कार देकर सम्मानित किया.

 

 

 

प्रतिभागियों को अपनी गीत-गजल की पुस्तक “तुम्हें सोचे बिना नींद आये तो कैसे?” भेंट करते हुए राकेश सिंह ‘सोनू’

 

 

 

मौके पर पांचों विशिष्ट विशिष्ठ अतिथियों को बोलो जिंदगी फाउंडेशन के निदेशक राकेश सिंह ‘सोनू’ ने सम्मानित किया और सभी कंटेस्टेंट को अपनी प्रकाशित गीत-गजलों की पुस्तक “तुम्हें सोचे बिना नींद आये तो कैसे ?” भेंट किया.

 

 

 

 

 

मंच संचालन करते हुए बोलो ज़िन्दगी की तबस्सुम अली एवं प्रीतम कुमार

 

 

 

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में तबस्सुम और प्रीतम के साथ-साथ अन्य सहयोगियों का भी सहयोग सराहनीय रहा जिनमे सचिन मिश्रा, विशाल, नीरज एवं दीपक के नाम शामिल हैं. जहाँ तबस्सुम अली और प्रीतम कुमार खूबसूरती से मंच संचालन कर रहे थें वहीँ सचिन,विशाल और दीपक ने एडमिनेस्ट्रेशन कार्य संभल रखा था. कैमरा वर्क नीरज निभा रहे थें.

 

 

 

 

जीतने वाली ऑडियंस को गिफ्ट भेंट करते हुए राकेश सिंह ‘सोनू’

 

 

 

जब कार्यक्रम पूरे शबाब पर था इको पार्क घूमने आये कुछ बाहरी दर्शक भी इस कार्यक्रम की तरफ खींचे चले आएं और स्वेक्षा से बतौर ऑडियंस शामिल होकर इंज्वाय करने लगें. अप्रत्यक्ष रूप से अंत्याक्षरी में हिस्सा लेनेवाले 5 दर्शकों को भी राकेश सिंह सोनू ने गिफ्ट प्रदान किया.

कार्यक्रम में शामिल जितने भी लोग थें उन्हें देखकर यह अंदाजा अपने आप ही लग रहा था कि उनके उत्साह और ख़ुशी के आगे जून की भीषण गर्मी ने घुटने टेक दिए हैं.

 

 

 

 

About The Author

'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).

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