पानी-पानी हुए पटना में आम आदमी से लेकर वीवीआईपी भी हैं भुक्तभोगी

पानी-पानी हुए पटना में आम आदमी से लेकर वीवीआईपी भी हैं भुक्तभोगी

पटना, 30 सितंबर, लगातार भारी वर्षा के बाद जब बोलो ज़िन्दगी की टीम पटना के सबसे ज्यादा त्रस्त इलाके राजेन्द्र नगर जो लगभग डूब चुका है का जायजा लेने पहुँची तो वहाँ की विकराल स्थिति खुद अपनी आंखों से देखकर दंग रह गयी. NDRF और SDRF की टीम राहत कार्य करते हुए तो दिखी लेकिन समस्या की गम्भीरता देखते हुए उनकी संख्या बहुत नगण्य थी. हम किसी तरह अपना कैमरा व मोबाइल भीगने से बचाते हुए घुटने से ऊपर तक के पानी को तो पार कर लियें लेकिन अंदर की गलियों में जहाँ लोग गर्दन तक पानी में फँसे हुए थें वहाँ तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाएं. कुछ लोगों ने बताया कि NDRF की टीम एक ही जगहों पर सहायता हेतु दो-चार बार जा रही है लेकिन अंदरूनी गलियों में नहीं जा रही है. जहाँ लगभग 2 दिनों से बिजली नहीं है, लोग खाना तो दूर पीने के पानी को तरस रहे हैं. जो पानी का एक गैलन 20 रुपये में मिलता है ब्लैक में वही गैलन 600-700 रुपये में बिक रहा है. कई लोग घर-बार छोड़कर जाते दिखे तो कई युवा अपनी जानपर खेलकर पीड़ित लोगों को खुद से पानी और खाने की सामग्री पहुंचाते दिखें. स्थानीय लोगों को सरकार और नेताओं पर आक्रोशित होते हुए भी देखा गया यह बोलते हुए कि “अब नेतवन सब इधर नहीं ना दिखाई देगा…उ लोग के कौनो प्रॉब्लम थोड़े ना है, उ सब त अब खाली वोट मांगे घड़ी दिखेगा.”

पटना के जलमग्न इलाके में ग्राउंड रिपोर्टिंग करते बोलो ज़िन्दगी के प्रीतम कुमार

यह तो गनीमत रहा की कल रात से आज पटना में बारिश नहीं हुई वरना पटना के जलमग्न इलाकों की स्थिति बद से बद्तर हो गयी होती. अभी इन जलमग्न इलाकों में बड़े पैमाने पर राहत सामग्री पहुंचाने की आवश्यकता है. सुबह से इन इलाकों का हाल जानने निकली हमारी टीम जब शाम के 4-5 बजे चाय-पानी के लिए थोड़ी देर कहीं रुकी तो यह सोचने लगी कि, उन बेचारों की कैसी मनोस्थिति होगी जो पिछले तीन-चार दिनों से जल जमाव की वजह से अपने ही घरों में कैद हैं और पीने के पानी तक को तरस रहे हैं…!

इस त्रासदी से आम तो आम खास लोग भी बेहद परेशान दिखें. पटना के वैसे कुछ सेलेब्रिटियों ने यह स्वीकार किया कि जब हमारे साथ यह हादसा हो गया तो फिर आम लोगों की क्या हालत हो रही होगी…

 

पटना के जलमग्न रानेन्द्रनगर के अपने घर में तीन दिनों से फंसी बिहार की स्वर कोकिला पद्मभूषण शारदा सिन्हा जी को जब मीडिया की पहल से रेस्क्यू कर सकुशल निकाल लिया गया तो उन्होंने बोलो ज़िन्दगी के साथ बयां किया अपना दर्द.

देश-दुनिया को अपने कार्टूनों के माध्यम से हंसानेवाले बिहार के लोकप्रिय कार्टूनिस्ट पवन टून भी द्रवित हैं पटना के हालात पर…बुद्धा कॉलोनी स्थित खुद उनके घर के रास्ते में भी कमर से लेकर घुटने तक पानी लगा है. लेकिन पवन जी ज्यादा दुखी हैं पटना के राजेंद्रनगर और कंकड़बाग, राजीवनगर इलाकों में मौजूदा हालात को लेकर. ये कॉलोनियां जो लगभग डूबी हुई हैं, घरों में फंसे लोग जो तीन-चार दिनों से भूखे-प्यासे बिलबिला रहे हैं…उनकी मदद हेतु पवन टून युवाओं से ख़ास अपील करते भी दिखें.

About The Author

'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).

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