
इस अवसर पर डॉ. श्रवन कुमार ने कहा कि “बिहार में नवजात शिशु मृत्यु दर अभी 27 है जो अन्य राज्यों से बहुत अधिक है।
अतः यहाँ के शिशु चिकित्सकों के प्रशिक्षण से ही बिहार में नवजात शिशुओं की चिकित्सा में सुधार आएगा।”
साथ मे एक परिचर्चा हुईं सर्फेक्टेंट (surfactant) कैसे दिया जाय ?
परिचर्चा में भाग लिया pmch के शिशु रोग विभाग के प्रधान डॉ ए के जायसवाल, डॉ श्रवन कुमार, डॉ सरोज कुमार,डॉ अमित कुमार, डॉ अभिनाश कुमार एवं परिचर्चा का संचालन डॉ. सुशील पाठक ने किया।
डॉ. सरोज ने बताया कि “समय से पहले जन्मे premature शिशुओं को बचाने के लिए सर्फेक्टेंट एक रामबाण मेडिसिन है।” इसे कैसे दिया जाय और क्या सावधान बरती जाय। इस पर विस्तार से जानकारी दी गई।
मौके पर मौजूद थे गया से आये डॉ शिव बचन सिंह, बिहारशरीफ से डॉ श्याम बिहारी, डॉ रूपेश कुमार, डॉ मधु सिन्हा, डॉ परमेश्वर प्रसाद, डॉ बिरेन्द्र कुमार सिंह आदि।