अश्विनी पटना के गणितज्ञ आनन्द कुमार के जीवन पर आधारित ऋतिक रौशन द्वारा अभिनीत फिल्म ‘सुपर 30′ मे बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट अभिनय कर रहे है. इस फिल्म के लिए बिहार से 30 बच्चो का सलेक्सन हुआ है जिनमे से एक अश्विनी भी है जो फिल्म ‘सुपर’ 30 में स्टूडेंट का रोल कर रहे है. चार भाई बहनों में सबसे छोटे 11वीं के स्टूडेंट अश्विनी पटना के लोहानीपुर मे रहते है. इनके पिता खानदानी लोहार हैं जो फ्रिज मिस्त्री का काम करते हैं.
अश्विनी बतौर संस्थापक सह प्रधानसंपादक मासिक अखबार ‘आज उठी है आवाज’ भी चलाते है जिसका लोकार्पण तत्कालिन जिलाधिकार संजय अग्रवाल ने किया था. इनके द्वारा चलाया जा रहा मासिक अखबार कई युवाओ एवं नए लेखको के लिए प्रेरणा स्रोत हैं. वर्तमान मे अख़बार की संपादक अभिलाषा सिंह है जो शिक्षिका हैं. ये कविताएँ भी लिखते हैं. जब अश्विनी ने अपनी पहली कविता लिखी थी तो अपनी कविता संग्रह पुस्तक के प्रकाशन का ख्याल आया था. इसके लिए अश्विनी ने बहुत मेहनत की. 1 वर्ष तक यहाँ वहाँ प्रयास करने के बाद 9वी में स्कूल से साईकिल खरीदने के लिए मिले पैसो मे कुछ और पैसे मिलाकर अपना पहला कविता संग्रह ‘अनुभव जिंदगी का’ प्रकाशन करवाया. अपनी पुस्तक को मुख्यमंत्री और कई बड़े लोगों को भेंट कर चुके हैं.
कविता का शौक तो 8वी क्लास से ही था. अबतक अश्विनी 50 से अधिक कवि सम्मेलनो मे कविता सुना चुके हैं. लोकल चैनल्स यथा, न्यूज़ बिहार, बिग गंगा के शो ‘दो दूनी के चार’ के दो एपिसोड्स मे शामिल होकर अपनी काव्य कला का प्रदर्शन कर चुके हैं.
फिल्म की शूटिंग के वक़्त जब अश्विनी पहली बार अभिनेता ऋतिक रौशन से मिले तो उन्हे अपनी आँखो पर यकीन नही हुआ कि वह एक सुपरस्टार के सामने खडे है. फिर धीरे-धीरे जब उनके साथ 1 महीना गुजरा तो अश्विनी एवं बाकि बच्चो ने ऋतिक रौशन से बहुत कुछ सीखा. सलमान, मनीष, रोहित, गोपी आदि अश्विनी के दोस्त है जो फिल्म मे सहायक भूमिका में हैं.
अश्विनी को पिछले डेढ़ वर्ष पहले किलकारी से जुड़ने का अवसर मिला. वहां लेखन क्लास ज्वाइन किये थें. उनके द्वारा स्थापित अख़बार ‘आज उठी है आवाज’ पहले 3 लोगों से शुरू हुआ था. लेकिन फिर बाद में बाकि दोस्त अपनी पढाई और वक़्त ना मिलने के कारण छोड़ दिए तब अश्विनी को बहुत मुश्किल हुई और लगा कि अख़बार अब बंद हो जायेगा, लेकिन मैं अपने दम पर लगा रहा. उसके बाद भी कुछ दिन रोकना पड़ा जब आर्थिक दिक्कत आयी और जब फिल्म की शूटिंग को लेकर मुंबई जाना पड़ा. फिल्म के लिए डायरेक्टर के असिस्टेंट पटना किलकारी बाल भवन आये थें ऑडिशंस लेने. बहुत टफ था. लुक, परफॉर्मेंस, टाइमिंग के आलावा हर एक्टिविटी देखा गया. इसके लिए पूरे इंडिया में 1500 बच्चों का ऑडिशंस हुआ था.
शूटिंग के दौरान अश्विनी के लिए वह यादगार पल साबित हुआ जब ह्रितिक रौशन ने जब अपनी फिल्मों के बारे में, लाइफ के बारे में बताया. साथ-ही-साथ ज़िन्दगी कैसे जीनी है और एक सफल इंसान बनने का टिप्स भी ऋतिक से अश्विनी ने लिया. अश्विनी भविष्य में अच्छा लेखक बनकर समाज में बदलाव लाना चाहते हैं. उन्हें बचपन में लिखने की प्रेरणा तब मिली जब 8 वीं क्लास में पढ़ने के दौरान उनके कोचिंग टीचर सुभद्रा कुमारी चौहान की कविता ‘खूब लड़ी मर्दानी….’ पढ़ा रहे थें. यह कविता सुनकर अश्विनी ने सोचा इस कविता को खुद की लैंग्वेज में लिखते हैं, और वहीँ से लिखने की शुरुआत हो गयी. सबसे पहले दोस्ती पर अश्विनी की पहली रचना कहानी के रूप में छपी थी. उसके बाद दूसरी रचना प्रकृति के ऊपर कविता के रूप में किलकारी के मैगजीन में जनवरी 2017 में छपी थी.
अश्विनी को पहले खुद के घर में ही सपोर्ट नहीं मिलता था. इस फिल्ड से उनके घर में कोई नहीं है और ना ही घरवाले अश्विनी के काम को ठीक से समझ पाते थें. लेकिन जब अश्विनी की तरफ से कुछ एक्टिविटी होने लगी और उन्हें ऋतिक की फिल्म मिल गयी तो अब वो सपोर्ट करते हैं. अभी भी वो ज्यादा कुछ समझ नहीं पातें लेकिन सोचते हैं जो भी हो रहा है कुछ अच्छा ही हो रहा है.