कला दिवस के मौके पर ‘हौसला घर’ के गरीब बच्चों के बीच बांटी गयी दिवाली की खुशियां

सिटी हलचल
Reporting: Bolo Zindagi

‘हौसला घर’ की बच्चियों के साथ ‘बोलो ज़िन्दगी’ के एडिटर राकेश सिंह ‘सोनू’

पटना, 18 अक्टूबर, भारतीय जनता पार्टी कला संस्कृति प्रकोष्ठ के तत्वधान में बांकीपुर गर्ल्स हाई स्कूल के प्रांगण में स्थित ‘हौसला घर’ के गरीब बच्चों के बीच फल,मिठाई,पटाखे आदि का वितरण करते हुए उनके साथ दिवाली की खुशियां साझा की गयीं. इस अवसर पर गीत-संगीत का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमे कलाकार अवध किशोर, रानी सिंह एवं अमित द्वारा उम्दा गायिकी से बच्चों का मनोरंजन किया गया. ‘हौसला घर’ की कुछ बच्चियों ने भी अपना टैलेंट दिखाते हुए फ़िल्मी गानों पर मनमोहक डांस प्रस्तुत किये.

‘हौसला घर’ की बच्चियों के बीच गायकी प्रस्तुत करती कलाकार रानी सिंह 

कला दिवस के मौके पर आज बिहार के करीब 32 सांगठनिक जिलों में विभिन्न तरह के कार्यक्रम कला संस्कृति प्रकोष्ठ भाजपा की तरफ से मनाया जा रहा है. उसी के तहत मुख्यालय पटना में भी दीपावली की पूर्व संध्या पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. मौके पर प्रदेश संयोजक वरुण सिंह ने कहा कि ‘रक्षाबंधन के दिन जब इन बच्चियों ने मुझे राखी बांधी थी तभी मैंने निश्चय कर लिया था कि इनके लिए भाई बनकर मैं कुछ करूँगा. इसलिए आज हमने अपनी पूरी टीम के साथ इनके बीच दिवाली की खुशियां मनाने और बाँटने का कार्य किया. यहाँ की बच्चियों का टैलेंट देखते हुए मैं आगे कोशिश करूँगा कि उनको एक बड़ा मंच दिलाऊं.’ वहीँ कला प्रकोष्ठ के सह- संयोजक आनंद पाठक ने कहा कि ‘दिवाली तो हम अपनों के साथ हर साल मनाते हैं लेकिन इन गरीब बच्चों के साथ दिवाली की खुशियां सेलिब्रेट करने का एक अलग ही आनंद है. अपनी दिवाली हम इससे बेहतर ढंग से नहीं मना सकते. इसलिए ऐसे कार्यक्रम लगातार होने चाहिए.’

कला संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक वरुण सिंह बच्चियों के बीच पटाखे बांटते हुए 

गरीब बच्चियों का यह ‘हौसला घर’ एन.जी.ओ. महिला जागरण के तहत चलाया जाता है जिसकी अध्यक्ष नीलू जी हैं. 5 साल पहले 2012 में इसकी शुरुआत हुई थी एक प्राइवेट बिल्डिंग में फिर 2014  से यहाँ शिफ्ट हो गया. ‘हौसला घर’ की कॉडिनेटर रागिनी ने ‘बोलो जिंदगी’ को बताया कि यहाँ 60  बच्चियां हैं जो पहले कूड़ा-कचड़ा चुनती थीं और भीख मांगती थी. उन्हें संस्था द्वारा सर्वे के तहत पटना के कमला नेहरू नगर, बहादुरपुर, दीघा, बकरी मार्केट और स्टेशन से लाया गया है. यहाँ कक्षा 1 से 10 तक की पढ़ाई के साथ बच्चियों का रहना-खाना होता है. गवर्नमेंट की तरफ से तीन कमरा और मिड डे मिल का सपोर्ट मिला हुआ है. इस ‘हौसला घर’ में कुल 11 स्टाफ हैं. यहाँ बाहर से भी आकर टीचर पढ़ाती हैं. यहाँ की बच्चियां कराटे भी सीखती हैं और स्टेट लेवल पर कई सिल्वर व गोल्ड मैडल भी जीत चुकी हैं.

कला संस्कृति प्रकोष्ठ की टीम ‘हौसला घर’ की बच्चियों संग फुलझड़ियां जलाती हुई

कुछ बच्चियों के माँ-बाप नहीं हैं, कुछ रिश्तेदारों के यहाँ रहती थीं लेकिन वे उनका लालन-पालन ठीक से नहीं कर पाते थें. इस वजह से मजबूरन वे भीख मांगने और कचड़ा चुनने का काम करती हैं. शुरू-शुरू में यहाँ लाये जाने पर ये बच्चियां भाग जाती थीं लेकिन फिर उनको प्यार से समझाने और उनकी काउंसलिंग कराने के बाद वे अपने बेहतर भविष्य की सोच यहाँ रहने का फैसला करती हैं.’
इस मौके पर सह संयोजक विनीता मिश्रा, प्रदेश प्रवक्ता सह कोषाध्यक्ष नीरज झा, शैलेश महाजन, सिनेमा इंटरटेनमेंट के रंजीत श्रीवास्तव, करण सिंह, अमरजीत, मनीष चंद्रेश, अक्षत प्रियेश और कला प्रकोष्ठ के सभी पदाधिकारी मौजूद थें जिन्होंने ‘हौसला घर’ की बच्चियों के साथ मिलकर फुलझड़ियां भी जलायीं.

About The Author

'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).

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