

इन्दौर-452011, मध्य प्रदेश)
लौटा दो मुझे मेरे बचपन के वह दिन,
बिन चिंता के ही कट जाते सारे दिन।
घर में होते थे दादा-दादी, नाना-नानी,
गोद में सुनाते राजा-रानी की कहानी।
घंटो गोदी बिठाते शिकायत ना करते,
उठ जाएगा सोते रहने दे सभी सहते।
कोई भी हमको तकलीफ न होने देते,
हँसकर हमारी जिद भी पूरी कर देते।
छोटी-छोटी बातों में उनसे रूठ जाना,
गले लगाके एक ही पल में यूं मनाना।
यूं माता-पिता का बेशुमार प्यार पाना,
जैसे मिल गया हो अनगिनत खजाना।