5 जून, ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ के अवसर पर बिहार सेक्टर के सीआरपीएफ कमांडेंट मुन्ना कुमार सिंह ने अपने संदेश में कहा कि “ट्री गार्ड सुरक्षा के लिए अच्छे हैं लेकिन जब पेड़ बड़े हो जाते हैं तो कृपया उन्हें हटा दें यह पेड़ को विकृत करता है, नुकसान पहुंचाता है और पेड़ को मार देता है.”
पटना के गांधी मैदान के पास बड़े पेड़ों में ट्री गार्ड लगे हुए थें. पेड़ों के बड़े हो जाने के बाद इनको हटा दिया जाना चाहिए था लेकिन ऐसा हुआ नहीं. इसी को ध्यान में रखकर पिछले कई दिनों से सीआरपीएफ के कमांडेंट मुन्ना कुमार सिंह के नेतृत्व में गांधी मैदान के अदंर और बाहर लगे ट्री गार्ड को हटाने की क़वायद की जा रही है. गांधी मैदान से सटे अन्य इलाकों में भी उनके नेतृत्व में इस काम को अंजाम दिया जा रहा है. इस काम में उनके साथ सीआरपीएफ के जवानों ने भी सहयोग दिया.
बोलो ज़िन्दगी के साथ विशेष बातचीत में इस अभियान के बारे में सीआरपीएफ कमांडेंट मुन्ना कुमार सिंह ने बताया कि “सीआरपीएफ को 40 हज़ार पेड़ लगाने की जिम्मेदारी मंत्रालय द्वारा दी गयी है. सभी फोर्सेज को ये काम दिया गया है. और शायद बिहार सरकार द्वारा 5 करोड़ पेड़ लगाने का अभियान चल रहा है जिसमे हमलोग हमेशा मेलमिलाप से अभियान को क्रियान्वित कर रहे हैं. इस दौरान मैंने देखा कि नए पेड़ लगाने की बात तो हो ही रही है, जो पुराने पहले से लगाये गए पेड़ हैं, उनको शुरुआत में ही लगाने के समय लोहे की जाली जिसे ट्री गार्ड कहते हैं पेड़ों की सुरक्षा के लिए लगाए जाते हैं. लेकिन वो पेड़ तो अब बड़े हो गयें और वही ट्रीगार्ड उन पेड़ों को उल्टा नुकसान कर रहे हैं. वे पेड़ की तनों में घुस गए हैं जिससे पेड़ का सही ढंग से विकास नहीं हो पा रहा है. इसलिए हमलोग वन विभाग और अन्य लोगों के सहयोग से उन पुराने पेड़ों में लगे ट्री गार्ड को हटाने का प्रयास कर रहे हैं. उन ट्री गार्डों को काटकर हटाने के बाद हम उसको रिपेयर कराएंगे और कम खर्चों में फिर नए लगाए जानेवाले पौधों कि सुरक्षा के लिए उसी ट्री गार्ड को लगवा देंगे.”
मुन्ना कुमार सिंह पर्यावरण व समाज के प्रति बहुत पहले से ही काम करते रहे हैं. देश की आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ पर्यावरण व समाज को भी सुरक्षित बनाने का उनका काम बहुत ही सराहनीय है.