23 फरवरी, पटना के ज्ञान भवन में महिला विकास निगम, (समाज कल्याण विभाग बिहार) के तत्वावधान में चल रहे महिला उद्यमी मेला में पहुँची बोलो ज़िन्दगी की टीम.. जहाँ बिहार सरकार ने महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए यह सुंदर आयोजन किया था. यहाँ पूरे बिहार से महिला उद्यमियों के150 स्टॉल लगाए गए थें.
महिला विकास निगम के मुख्य हथकरघा परामर्शी पुरूषोत्तम प्रकाश जी ने बोलो ज़िन्दगी को बताया कि – “महिला विकास निगम महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए काम करती है. इसमे मुख्यतः तीन बिंदु पर फोकस किया जाता है- आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सशक्तिकरण. आर्थिक सशक्तिकरण के अंतर्गत जो महिलाएं अपने घरों में कार्य कर रही थीं जैसे कपड़ा व बास्केट बुनाई का, टोकरी बनाने का, मधुबनी पेंटिंग करने का तो उनलोगों के लिए हमलोगों ने ये मार्केट प्लेटफार्म तैयार किया है महिला उद्यमी मेला के माध्यम से. इसमे दो जिले नालन्दा और बांका से बुनकर प्रतिभागी भी यहाँ पर अपने प्रोडक्ट की बिक्री कर रही हैं.” पुरूषोत्तम जी ने बताया कि “यहाँ मार्केट से कम कीमत में चीजें बिक रही हैं और 24 फरवरी, सोमवार को इस महिला उद्यमी मेले का आखिरी दिन है.”
कुछ खास स्टॉलों का बोलो ज़िन्दगी टीम ने भी मुआयना किया.
1) जनक किशोरी जी के मनाची फूड प्रोडक्ट्स के स्टॉल पर अचार, पापड़, हर तरह की बड़ी, पान पेठा, गुड़ का ठेकुआ, खोवा पेडूकिया (गुजिया), चिप्स, मिक्सचर, निमकी, फ्रूट केक, तीसी लड्डू, आँवला मुरब्बा, च्वयनप्राश है जिसे घर पर ही मनाची फूड्स की सदस्य महिलाओं ने बनाया है.
2) मीठापुर बसस्टैंड के पास से आईं पूनम जी के स्टॉल पर प्रसूति लड्डू सेल के लिए रखे थें जो प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत काम की चीज है. बच्चा जन्म के वक़्त महिलाओं के शरीर से बहुत ज्यादा रक्त स्त्राव होने की वजह से जो कमजोरी हो जाती है तो प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं के लिए ये लड्डू बहुत स्वास्थ्य वर्धक है और प्रेग्नेंसी के पहले इसे नियमित खाने से जन्म लेनेवाले बच्चे के लिए बहुत पौष्टिक आहार है. पूनम ने बताया कि प्रसूति लड्ड़ू शुद्ध देसी घी, आदि, हल्दी, जीरा, जवाइन, मंगरैला, मेथी, काजू, किशमिश, बादाम, नारियल, मखाना, गुड़, सोंठ, सतावर के मिश्रण से हाथ से बनाया गया है. एक लड्डू की कीमत 20 रुपये है. पूनम जी ने बताया कि बहुत से लोग मेरा नम्बर नोट करके ले गयें कि जब उनकी पत्नी प्रेग्नेंट होगी वे कॉन्टेक्ट करके प्रसूति लड्डू का ऑर्डर दे देंगे.
3) बांधनी संस्था के स्टॉल पर सुनीता प्रकाश जी ने बताया कि आज से 27 साल पहले इसे शुरू किया था. सुनीता जी टेक्सटाइल डिजाइनर हैं जो अलग अलग डिजाइन पर , बिहार के जितने क्राफ्ट और थीम हैं उसपर काम करती हैं. जैसे छठ, वट पूजा, शिवरात्रि, वुमेन्स डे, बालिका दिवस, जल दिवस इत्यादि थीमों पर सारा कपड़ा तैयार होता है. अभी इन्होंने ब्लॉक प्रिंट के बुके पर काम शुरू किया है जो बिहार और इंडिया के डिफरेंट थीम पर बने हैं. सुनीता जी को ब्लॉक पेंटिंग के लिए स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है.
4) गौरैया क्रिएशन की मोनिका प्रसाद जी ने अपने स्टॉल पर जूट के बने हैंडमेड इको फ्रेंडली बैग रखे हैं. इसके इस्तेमाल के साथ ही वो पब्लिक को पॉलीथिन यूज नहीं करने और जूट के थैलों के इस्तेमाल से पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दे रही हैं.
5) वीणा वेणीपुरी जी के ‘गरिमा नारी संघ’ स्टॉल पर भी हाथ से बने कई खाने योग्य उत्पाद दिखें और साड़ियों की भी कई डिफरेंट वेरायटी मिली.
6) क्लासी पिकल्स एन्ड केटरिंग के स्टॉल पर शुद्ध देसी मसालों से निर्मित अचार और फास्टफूड की रेंज देखने को मिली. जहाँ रिपोर्टिंग के दौरान बोलो ज़िन्दगी टीम के राकेश सोनू ने राबड़ी-मालपुआ तो तबस्सुम अली और प्रीतम कुमार ने कचौड़ी के टेस्ट का लुत्फ उठाया.
7) शरण बुटीक के स्टॉल पर विभा श्रीवास्तव जी ने हाथों से बनाई क्रोशिया ज्वेलरी के एक से एक नमूने दिखाएं. क्रोशिया ज्वेलरी डिजायनिंग के लिए विभा जी को स्टेट अवार्ड भी मिल चुका है.
8) साज़िया कैशर के शू लॉन्ड्री स्टॉल पर लेडिस जूते-चपल्लों की डिफरेंट क्वालिटी मिली. यहाँ महिलाएं अपने पैर का नाप देकर अपनी मनपसंद डिजाइन के जूतों का भी ऑर्डर देती देखी गईं.
9) स्वाति शिखा जिनका केटरिंग का बिजनेस है वो अपने स्टॉल पिजेरिया के तहत पिज़ा की एक से एक वेरायटी और कई फास्टफूड की रेंज लेकर आयी हैं.
10) महिला ऑटोरिक्शा चालक शोभा कुमारी ने अपने स्टॉल पर टेराकोटा के बनाये खिलौने और भगवान की मूर्तियां बिक्री के लिए रखी थीं. गंगा मिट्टी को सांचे में ढालकर ये खिलौने बनाती हैं. यह काम वो ऑटो चलाने के पहले से यानी 13-14 सालों से कर रही हैं. इस काम में उनकी बहन उमा कुमारी भी सहयोग करती हैं.
11) फूडी फैन के स्टॉल पर हिमानी मिश्रा ने बताया कि “इसके तहत हम केटरिंग का काम लेते हैं और स्पेशली दिव्यांग महिलाओं को यहाँ काम करने का मौका देते हैं. मेन्यू में पूरे इंडिया के डिफरेंट फूड को रखे हैं. पटना में स्टूडेंट्स की बहुत संख्या है और उन्हें सुबह नाश्ते की दिक्कत होती है तो उन्हें ही ध्यान में रखकर यह शुरू किया है.” हिमानी मिश्रा और अंजू कुमार ने मिलकर फूडी फैन शुरू किया है. इसके अलावा हिमानी मिश्रा की डिजिटल मार्केटिंग और आईटी कम्पनी ब्रांड रेडियेटर जिसे उन्होंने 20018 में शुरू किया था को 2018 में ही इसके लिए मुम्बई में डिजिटल वीमेन अवार्ड मिला था. अभी हाल ही में इकोनॉमिक्स टाइम्स ने जिन 50 लोगों को सम्मानित किया उनमें एकमात्र बिहारी हिमानी मिश्रा हैं. अभी इनकी टीम में 35 लोग हैं. अपने डिजिटल मार्केटिंग कम्पनी के जरिये ये लोगों को बहुत कम फीस में ट्रेनिंग दे रही हैं ताकि उन्हें जॉब मिल सके, अगर उनका अपना बिजनेस है तो वे उसको ग्रो कर सकें.