पटना, 8 मार्च की सुबह अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बोलो ज़िन्दगी फाउंडेशन के तत्वाधान में ‘महिला ऑटो रिक्शा स्वाभिमान रैली‘ का आयोजन किया गया जिसे स्पॉन्सर्ड किया था स्कॉलर्स अबोड स्कूल ने, जिसमे पटना जिला महिला/पुरुष ऑटो चालक संघ का पूरा सहयोग रहा.
इको पार्क गेट न. एक से 8 महिला ऑटो रिक्शा चालक और उसमें जागरूकता वाले स्लोगन की तख्ती लेकर बैठनेवाली यूथ फ़ॉर स्वराज की लड़कियों को मुख्य अतिथि पद्मश्री सुधा वर्गीज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
यूथ फॉर स्वराज टीम की लड़कियां जागरूकता वाले बैनर की कई तख्तियां लिए खड़ीं नज़र आयीं, तख्तियों पर निम्नलिखित स्लोगन लिखे थें जिनमे प्रमुख है- “आतंक के खिलाफ आवाज उठाएंगी,जरुरत पड़ने पर हम बेटियां भी बॉर्डर पर जाएँगी…”, “जो देश के दुश्मनों के दाँत खट्टे कर रहे हैं, वो वीर जवान नारी की कोख से ही जन्म ले रहे हैं…”, ” ऑटो रिक्शा ही नहीं नारी ट्रेन और प्लेन भी चला रही है, सिर्फ परिवार ही नहीं नारी राज्य और देश चला रही है….” इत्यादि.
विशिष्ट अतिथि प्रो. पूर्णिमा शेखर एवं डॉ. बी. प्रियम ने भी मौके पर उपस्थित होकर महिला ऑटो चालकों का उत्साहवर्धन किया. यह ऑटो रिक्शा रैली इको पार्क गेट नं. 1 से चलकर हड़ताली चौक से इनकमटैक्स गोलंबर फिर बापू सभागार से गुजरते हुए गांधी मैदान कारगिल चौक पर चलकर समाप्त हुई. इन सभी महिलाओं को ऑटो रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग देनेवाले नवीन मिश्रा भी मौके पर उपस्थित होकर ऑटो चालक महिलाओं का हौसला बढ़ाते देखे गएँ.
तत्पश्चात रैली के समापन पर सभी महिला ड्राइवरों को ‘मेक ए न्यू लाइफ फाउंडेशन’ एन.जी.ओ. की अध्यक्ष तबस्सुम अली ने सम्मानित किया.
वहीँ यूथ फॉर स्वराज टीम की लड़कियों को बोलो जिंदगी फाउंडेशन के निदेशक राकेश सिंह ‘सोनू’ ने सम्मानित किया. बोलो ज़िन्दगी के साथ विशेष बातचीत में यूथ फॉर स्वराज की लड़कियों ने कहा कि “इस तरह के आयोजन बहुत ही सराहनीय हैं जो महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं. आज ऑटोरिक्शा चलानेवाली महिला हो या किसी भी क्षेत्र में कदम बढ़ा रही महिला उनके लिए जरुरी है बस खुद से पहल करने की फिर उन्हें सपोर्ट तो कहीं से भी मिल जाएगी.”
वहीँ स्कॉलर्स एबोड स्कूल की प्राचार्या डॉ. बी.प्रियम द्वारा मौके पर सभी 8 महिला ऑटो चालकों को 500 रूपए की प्रोत्साहन राशि भी भेंट की गयी जिससे उनका और उत्साहवर्धन हो सके.
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में बोलो ज़िंदगी के निदेशक राकेश सिंह सोनू, कार्यक्रम प्रभारी प्रीतम कुमार, बोलो ज़िंदगी के सचिन, विशाल, अनिल कुमार एवं विशेष तौर पर तबस्सुम अली का योगदान रहा.
इस कार्यक्रम के आयोजक बोलो जिंदगी फाउंडेशन के निदेशक राकेश सिंह ‘सोनू’ ने बताया कि “अगर सशक्त नारी की बात होती है तो पटना में ये ऑटो रिक्शा चलानेवाली तमाम महिलाएं महिला सशक्तिकरण की अद्भुत मिसाल हैं. इनके साहस और जिजीविषा को देखकर समाज की अन्य वंचित-पीड़ित महिलाएं भी इनसे प्रेरित होकर आगे बढ़ेंगी. बहुत लोग इनको ऑटो रिक्शा चलाते देखकर हँसते भी होंगे लेकिन आज ये महिलाएं हंसी की नहीं बल्कि सम्मान की पात्र हैं. और इसी को साबित करने के उद्देश्य से आज महिला दिवस के अवसर पर ‘महिला ऑटो रिक्शा स्वाभिमान रैली’ निकली है.”
मुख्य अतिथि पदमश्री सुधा वर्गीज ने कहा कि “महिलाएं ऑटो रिक्शा नहीं चला सकतीं ये जो मिथ है उसे तोड़कर आज ये महिलाएं सामने आई हैं. महिला ऑटो चालकों के स्वभिमान को बढ़ाने का यह प्रोग्राम है जिसके लिए इसके आयोजक की सोच की सराहना की जानी चाहिए.”
डॉ. बी. प्रियम ने कहा कि “मैं भी एक महिला हूँ मैंने भी संघर्ष किया है तो मैं समझ सकती हूँ इन ऑटो चालक महिलाओं का संघर्ष. पहले महिलाएं कार व बाइक तो चला रही थीं लेकिन ऑटो चलाना बहुत हिम्मत का काम है इसलिए हमलोगों ने सोचा इनको आज के दिन सम्मानित किया जाए.”
प्रो. पूर्णिमा शेखर ने कहा कि “नॉन ट्रेडिशन क्षेत्र में आनेवाली ये महिलाएं खुद तो आत्मविश्वास से लवरेज हो ही रही हैं, आर्थिक रूप से भी उनको स्वतंत्रता मिल रही है. सबसे बड़ी बात कि इनसे अन्य महिलाओं को भी काफी प्रोत्साहन मिल रहा है.”
पटना की लेडी ऑटो ड्राइवर्स जिन्होंने इस स्वाभिमान रैली में भाग लिया उनके नाम यूँ हैं- गुड़िया सिन्हा, रुक्मणि देवी, अनीता देवी, सुष्मिता देवी, संगीता देवी, सुलेखा देवी, कंचन देवी और रिंकी देवी.
वहीँ उनकी मुहीम को सपोर्ट देने पहुंचीं यूथ फ़ॉर स्वराज ऑर्गेनाइजेशन की लड़कियों तान्या, वंदना, पूजा, मनीषा, मिटू रानी, मधु, गुंजन भारती एवं क्षमा सिंह का बहुत ही सराहनीय योगदान रहा.