(रिपोर्टिंग, प्रीतम कुमार) पटना, 16 दिसंबर, अमीर से होती है, गरीब से होती है…दूर से होती है, क़रीब से होती है… मगर जहां से होती है मेरे दोस्त शादियां तो बड़े नसीब से होती हैं. आज मेरे यार की शादी है,लगता है जैसे सारे संसार की शादी है… यकीनन आपने सुना ही होगा मोहम्मद रफी साहब का ये गाना. वैसे बचपन से हमलोग यह गाना सुनते आ रहे हैं मगर इस गाने का मतलब तब समझ में आया जब हम पहुंचे विकलांग अधिकार मंच एवं वैष्णो स्वालंबन द्वारा आयोजित आनोखा विवाह – 3 में जहां वाकई अमीर और गरीब में कोई फर्क नहीं दिखा और इस समारोह में चार चांद तो तब लगा जब विवाह मंडप के बगल में निकाह भी कुबूल की गई.
अवसर था पटना के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित ओंकार नाथ धाम मंदिर में विकलांग अधिकार मंच और वैष्णो स्वाबलंबन के संयुक्त तत्वावधान में 11 दिव्यांग जोड़ों के सामूहिक अनोखा विवाह -3 के आयोजन का. जहाँ 10 दिव्यांग जोड़ों का विवाह अग्नि को साक्षी मान कर कराया गया तो वहीँ 1 दिव्यांग जोड़े का निकाह पढ़वाया गया. जी हां शायद यह पहला दृश्य हमने देखा कि एक ही परिसर में विवाह और निकाह भी हुआ. विवाह भी ऐसा मानो जैसे किसी बड़े घराने की शादी हो.
विवाह के सात फेरे और निकाह कुबूल होते ही वर वधू स्वागत समारोह और सांस्कृतिक कार्यक्रम की झलकियां भी देखने को मिलीं, जहां आम लोग तो मौजूद थे ही वहीँ कुछ खास मेहमानों ने भी शिरकत किया जिनमे बिहार के पथ निर्माण मंत्री श्री नन्द किशोर यादव, केंद्रीय मंत्री श्री अश्वनी चौबे , राम कृपाल यादव , श्री उपेन्द्र कुशवाहा जैसे दिग्गज नेता भी मौजुद रहे और विवाह बंधन में बंधनेवाले सभी दिव्यांग जोड़ों को आशीर्वाद दिए. सभी विवाहित दिव्यांग जोड़ों को गृहस्थी से संबंधित सभी जरूरत के सामान देकर विदा किया गया.
‘बोलो ज़िन्दगी’ से विशेष बातचित के दौरान विकलांग अधिकार मंच की अध्यक्षा कुमारी वैष्णवी ने कहा कि “पिछले दो वर्षो से हम दिव्यांगो का अनोखा विवाह करवा रहे थे परन्तु इस वर्ष हमने विवाह के साथ-साथ एक निकाह भी करवाया क्योंकि हमें जाति-धर्म, अमीरी-गरीबी से कोई लेना देना नहीं है. जो लोग इन दिव्यांगों के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं वो नहीं होना चाहिए, इन्हें भी आजादी देनी चाहिए ताकि ये लोग भी सम्मान के साथ जी पाएं और ये समाज के सहयोग के बिना संभव नहीं है.”
तो वहीं विशेष बातचीत में विकलांग अधिकार मंच के सचिव दीपक कुमार ने कहा कि “हमलोग पिछले 10 वर्षो से विकलांगो के आधिकार के लिए सक्रिय होकर काम कर रहे है, और हम जाति-धर्म को नहीं मानते. हमारे लिए मानवता धर्म है और दिव्यांगता जाति है.”
विवाह के दौरान ‘बोलो जिंदगी’ ने कुछ सवाल विवाहित जोड़े से भी किये जिनमें से एक थे पिंटू जो आरती कुमारी के साथ परिणय सूत्र में बंधे. वो मूलतः बैकटपुर बिहार के रहने वाले हैं और वह रोजगार भी करते है, उनका एक जनरल स्टोर है. उनके विवाह में सबसे बड़ी अड़चन उनकी दिव्यांगता ही थी मगर ‘अनोखा विवाह’ ने इस अड़चन को हमेशा के लिए खत्म कर दिया. वहीँ सबीना खातून से निकाह करनेवाले दूल्हे मोहम्मद शाहनवाज ने बताया कि “मैं दरभंगा का रहनेवाला हूँ और मेरा खुद का व्यवसाय है. मुझे ‘विकलांग अधिकार मंच’ द्वारा यह ज्ञात हुआ कि यहाँ निकाह भी कराया जायेगा.”
इनके आलावा अन्य दिव्यांग जोड़े थें इंदल संग प्रविला, देवेंद्र संग नीतू, साधुशरण संग संगीता, बीरेंद्र भगत संग सोनी, प्रेम पासवान संग पिंकी, मनोज संग श्यामसुंदर, प्रेम संग लक्ष्मी एवं गौरीशंकर संग सरिता.
आयोजक मंडल मे तब्बसुम, शुभ, अभिनव आलोक, रितेश, प्रेम, आदर्श, ममता भारती, राधा, लव, सीमा एवं अन्य शामिल थें. आयोजन संस्था के सचिव श्री दीपक कुमार ने ‘अनोखा विवाह’ मे सम्मिलित सभी जोड़ियों को शुभकामनायें देते हुए आयोजन को सफल बनाने में योगदान करनेवाले सभी कार्यकर्ताओं और सहयोगकार्तओं का शुक्रिया अदा किया और कहा कि “कार्यकर्ताओं के सहयोग के बिना यह नेक अयोजन सफल नही हो पाता.”