पटना, 15 जुलाई, “मीडिया हो या कोई भी क्षेत्र बिहारी पूरी दुनिया में अपना नाम रौशन कर रहे हैं. मैं जब यहाँ से दिल्ली गयी थी तब बिहारियों को गाली की नजर से देखा जाता था लेकिन मैंने सबको बताया कि हाँ मैं हूँ बिहारी और मुझे बिहारी होने पर गर्व है. इसलिए मैं यहाँ के युवाओं से कहना चाहूंगी कि आप कुछ ऐसा कर जाइये कि दुनिया में एक मिसाल बन जाये.” यह कहना था आजतक की मशहूर एंकर श्वेता सिंह का. वहीँ जब बिहार के राज्यपाल महामहिम श्री सतपाल मलिक मंच पर सम्बोधित करने आएं तो उन्होंने एंकर श्वेता की कही बातों पर गौर फरमाते हुए कहा कि “अब आपलोग खुद को बिहारी कहने पर फख्र महसूस कीजिये क्यूंकि आप में जो टैलेंट है शायद वो दुनिया में कहीं नहीं है और इसलिए मुझे लगता है कि अगर भारत से कोई नोबल पुरस्कार ले गया तो वो बिहारी ही होगा”. मौका था ‘माँ वैष्णो देवी सेवा समिति’ के सौजन्य से आयोजित नौवें 51 कन्याओं के सामूहिक विवाह का (एक विवाह ऐसा भी) जो सम्पन्न हो रहा था पटना के श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में और जिसके गवाह महामहिम से लेकर शहर के हजारों लोग बनें. मंच पर उपस्थित हुए सभी 51 जोड़ों को महामहिम एक अभिभावक की तरह खुश रहने और नयी जिंदगी में प्रवेश करने का आशीर्वाद दे गए.
लड़केवालों के लिए जनमासा महाराणा प्रताप भवन, आर्यकुमार रोड में रखा गया था. शहर के जाने-माने तीनों बैंड (माँ दुर्गा बैंड, श्री दुर्गा बैंड, श्री शंकर बैंड) के सौजन्य से माता रानी के भजनों की धुन पर घोड़े पर बैठे 51 दूल्हों की बारात श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल की तरफ निकली जहाँ सभी जोड़े एक-दूजे के होने वाले थें. बारात दिनकर गोलंबर होते हुए नाला रोड से गाँधी मैदान की और निकली, रास्ते में कदम-कदम पर व्यवसायी बंधुओं द्वारा शीतल जल, जूस, कोल्डड्रिंक, लस्सी द्वारा स्वागत किया जा रहा था. कृष्ण मेमोरियल पहुँचते ही पुष्प वर्षा और आरती दिखाकर दूल्हों एवं बारातियों का स्वागत किया गया.
हॉल के अंदर माता रानी का भव्य दरबार जो कमलेश जी के सौजन्य से कोलकाता के कारीगरों के हाथों तैयार किया गया था सबका मन मोह रहा था. कार्यक्रम का मंच संचालन आर.जे. शशि एवं ईटीवी फेम रूपम किशोर ने किया और जैसे ही सामूहिक जयमाला के लिए दूल्हा-दुल्हनों को मंच पर आमंत्रित किया हॉल तालियों से गूंज उठा. फिर वर-कन्याओं ने एक दूसरे के गले में वरमाला डाला. जयमाला के बाद मंडप कार्यक्रम की बारी थी जहाँ बाहर प्रांगण में 51 पंडितों द्वारा विवाह की सभी प्रक्रिया को अंजाम दिया जा रहा था और मंत्रोचारण द्वारा विवाह सम्पन्न कराया जा रहा था.
इधर हॉल के अंदर मंच पर महामहिम के कर-कमलों द्वारा हमेशा की तरह बिहार के उन 6 विभूतियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने बिहार का नाम पूरी दुनिया में रौशन किया है. उनमे से श्वेता सिंह (आजतक), श्रद्धा शर्मा (ओर स्टोरी), निवेदिता भसीन (पायलट), रंजीत बहादुर ( फिल्म लेखक), पूजा (फैशन डिजायनर) , आकाश मित्रा (बाल कलाकार) शामिल थें. सभी सहयोगी स्पॉन्सर्स जिनमे रोटरी, पाटलिपुत्रा अशोक (सिलाई मशीन दानकर्ता), पाटलिपुत्र चाणक्या (साईकल दानकर्ता), महाराणा प्रताप भवन, फ्लावर ही फ्लावर, बाला जी कैटलर्स आदि को मंच से आभार व्यक्त किया गया.
हॉल के बाहर बारातियों-शरातियों और यह अनोखा विवाह देखने आये दर्शकों के लिए लजीज भोजन की भी व्यवस्था की गयी थी. भारी भीड़ को देखते हुए प्रांगण में 4 एल.ई.डी. स्क्रीन की व्यवस्था की गयी थी. ताकि लोग अंदर-बाहर से सभी कार्यक्रम का आनंद ले सकें. शादी बाद की रस्म अदायगी के बाद समिति के सदस्यों द्वारा उपहार स्वरूप सभी घरेलू सामान सहित 1 महीने का राशन दिया जा रहा था.
उन्हें एक अनोखा तौफा भी मिला स्वच्छ आबोहवा और हरियाली के रूप में यानि 51 जोड़ियों को 51 पौधे सहित गमले जो पर्यावरण प्रहरी संजय पांडेय जी की तरफ से प्रदान किये गए. साथ-ही-साथ सभी परिणय सूत्र में बंधे 51 जोड़ों को संजय एवं अन्य साथियों ने स्वच्छता हेतु डस्टबिन भी भेंट की.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य है आर्थिक रूप से बेहद कमजोर बेटियों की शादी कभी पैसे के आभाव में ना रुकने पाए…इसलिए पिछले 9 सालों से संस्था ‘माँ वैष्णो देवी सेवा समिति’ वैसे 51 जोड़ों की शादियों का जिम्मा उठती रही है. और उनके इस नेक प्रयासों के लिए अब तो पूरे समाज का भी सहयोग मिलने लगा है. कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के अध्यक्ष श्री जगजीवन सिंह, सचिव श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष श्री श्रवण टिबरेवाल, प्रवक्ता डॉ. अरविन्द आनंद, कन्हैया अग्रवाल, गोपी तुलस्यान, जितेंद्र जीतू, मनीष बनेटिया, संस्थापक मुकेश हिसारिया सहित सभी गणमान्य सदस्यों ने अहम भूमिका निभाई.
इस सामूहिक अनोखे विवाह में वोलेंटियर के रूप में सिर्फ समिति के सदस्य ही नहीं बल्कि पूर्व के सामूहिक विवाह में शामिल हो चुके दूल्हे भी शामिल थें. तभी आर.जे. शशि ने मंच पर एक चुटकी लेते हुए कहा कि “जरूर वो बच्चे अब 8 साल के हो गए होंगे जिनके माँ-बाप इसके पहले संस्करण में एक-दूजे के हुए थें.
कार्यक्रम की शुरुआत होते ही गणेश वंदना के बाद सामाजिक सन्देश देने हेतु ऑटिज्म पर श्रवण कुमार एवं उनकी पत्नी नीना मोटानी ने एक नृत्य नाटिका प्रस्तुत की. वहीँ आकाश मित्रा ने फिल्म ‘बाहुबली’ के टाइटल सॉन्ग पर जो नृत्य प्रस्तुत किया देखकर लगा जैसे सच में ‘बाहुबली’ का जूनियर वर्सन मंच पर प्रकट हो गया. बेटी बचाव बेटी पढ़ाव की थीम पर केंद्रित एक नृत्य नाटिका छोटे-छोटे बच्चों ने की. फिर इंडियन आइडल फेम रितिका राज ने अपने मधुर गीतों से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया. आजतक के संजय सिन्हा जी ने सामाजिक सन्देश देने हेतु सावित्री आसन के बारे बताया और लोगों को जागरूक किया. 51 जोड़ियों के सामूहिक विवाह (एक विवाह ऐसा भी) का यह 9 वां संस्करण था. यह आयोजन इस संक्लप के साथ हम सबको भी जागरूक कर गया कि ‘दहेजमुक्त हो बिहार अपना, विरोध बाल विवाह का और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’.