पटना, 5 मार्च की शाम बीजेपी प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में अलगोल फिल्म्स और कला संस्कृति प्रकोष्ठ बीजेपी बिहार के सौजन्य से ‘रंग’ दे’ वीडियो सॉन्ग की लॉन्चिंग हुई. होली विशेष इस गाने का संयुक्त रूप से विमोचन किया बिहार के कृषि मत्स्य एवं पशुपालन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार, कला- संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री प्रमोद कुमार और भोजपुरी व साऊथ फिल्मों के स्टार पंकज केसरी ने.
इस गाने में अपनी अदाकारी के साथ ही आवाज देनेवाली इंडियन आइडल फेम बिहारी गायिका व अदाकारा दीपाली सहाय, ‘मुन्नी बदनाम हुई..’ सॉन्ग फेम चर्चित बिहारी बॉलीवुड गायक ऐश्वर्य निगम, भोजपुरी व साउथ फिल्मों के चर्चित एक्टर पंकज केसरी और पूरी “रंग दे” टीम से बोलो ज़िन्दगी की विशेष बातचीत हुई.
इस पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन किया कला संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक वरुण कुमार सिंह ने. गीत के डायरेक्टर व एडिटर हैं स्वप्निल जयसवाल तो सह निर्माता हैं पीयूष जयसवाल. इस खूबसूरत गीत को लिखा है राशी महेश्वरी ने.
रंग दे गीत के प्रोड्यूसर व म्यूजिक डायरेक्टर अजय जयसवाल ने बताया कि “इस होली प्रेम गीत को क्लासिकल टच दिया गया है और यह फूहड़- अश्लील होली गीतों से कोसों दूर है जो पूरी सादगी समेटे हुए है. इस गीत के माध्यम से हम समाज में एक सार्थक सन्देश देना चाहते हैं.”
ऐश्वर्य निगम ने ‘बोलो ज़िन्दगी‘ के एक खास सवाल पर कहा कि “होली आने के पहले से ही यहाँ भाभियों का मन भय से कांप उठता है क्योंकि भाभी से छेड़छाड़ को ही होली का पर्याय बना दिया गया है, जबकि हमारी संस्कृति में भाभी को माँ कहकर उसके पैरों पर अबीर रखने का रिवाज़ है.”
वहीं अब ऐश्वर्य की पत्नी बन चुकीं गायिका व अदाकारा दीपाली ने बताया कि “औरत को देवी का दर्जा देकर उसे पूजनेवाली हमारी संस्कृति की थीम पर तैयार किये गए इस होली गीत का कॉन्सेप्ट ऐश्वर्य का ही था, और यह बताते हुए मुझे खुशी हो रही है कि अपने घर में ऐश्वर्य मुझे एक देवी का दर्जा देते हुए मेरी बहुत इज़्ज़त करते हैं. काश, हर लड़की को उसके हमसफ़र के रूप में ऐश्वर्य जैसा ही लड़का मिले.” साथ-ही-साथ अपने जैसे कलाकारों के दुःख पर प्रकाश डालते हुए दीपाली ने बिहार के कला-संस्कृति मंत्री से यह गुजारिश करते हुए कहा कि “जब हम बिहारी कलाकार मुंबई में यह बैठकर देखते हैं कि बिहार में होनेवाले बड़े महोत्सवों में हमें मौका न देकर दूसरे स्टेट के कलाकारों को परफॉर्म करने हेतु बुलाया जाता है तो हमे बहुत दुःख होता है, इसलिए मंत्री जी से निवेदन करना चाहेंगे कि इस दिशा में सार्थक पहल हो ताकि बिहार में बिहारी कलाकारों को अपनी कला दिखाने का बेहतर प्लेटफॉर्म मिल सके. हमे भी अच्छा लगेगा अपनी मिटटी में आकर परफॉर्म करने में.”
इस अवसर पर कला संस्कृति प्रकोष्ठ के सह-संयोजक आनन्द पाठक, प्रकोष्ठ की प्रभारी और प्रदेश मंत्री अमृता भूषण राठौड़, राकेश सिंह सोनू, शैलेश महाजन, नीरज दुबे, नीरज झा, बीरेंद्र सिंह, सतीश कुमार, अनन्त कुमार, पुरुषोत्तम सिंह, अक्षत प्रियेश के साथ प्रकोष्ठ के अन्य सभी पदाधिकारी उपस्थित हुए.