पटना, 23 जुलाई, “फिल्म का नाम ‘मृदंग’ क्यों ?” इस सवाल का जवाब देने से पहले निर्माता-निर्देशक रितेश एस कुमार ने फिल्म का यह टाइटल सॉन्ग दिखाया जिसके बोल कुछ यूँ थें – “मृदंग बाजे जब किस्मत का, सरगम बिखरे सब सपनों का..” सॉन्ग खत्म होते ही रितेश एस कुमार ने कहा कि “फिल्म का जो स्वाभाव है उसके अनुसार ही इसका नाम पड़ा ‘मृदंग’. मृदंग भगवान शिव का प्रिय वाद्ययंत्र है जिसे जीवन के उतार-चढ़ाव से जोड़कर दिखाया गया है. मतलब जब हमारी किस्मत का मृदंग बजता है यानि हमारी किस्मत में जब उठा-पटक होती है तो हम किस तरीके से रिएक्ट करते हैं. मुख्यतः ये एक मन्नत के ऊपर बेस्ड स्टोरी है.” और फिर ‘मृदंग’ फिल्म का ट्रेलर दिखाया जाता है. साथ-ही साथ फिल्म का एक और रोमांटिक गीत “हो अपना मिलन सातों जनम, ओ मेरे सनम ओ मेरे सनम…” भी प्रोजेक्टर पर चलता है. यह माहौल था विश्व संवाद केंद्र में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस का जहाँ फिल्म के प्रमोशन के लिए पटना शहर पहुंचे फिल्म के कलाकार मनोज कुमार राव, अभिनेत्री रोज लस्कर और निर्माता-निर्देशक रितेश एस कुमार ने मीडिया को सम्बोधित किया.
बिहार के युवा फ़िल्मकार रितेश एस कुमार की फिल्म ‘मृदंग’ की कहानी के केंद्र में आस्था और अन्धविश्वास की बारीक़ लकीर का तानाबाना है. फिल्म की कहानी आधुनिक विचारोंवाले आदित्य और परम्पराओं में विश्वास रखने वाली सोनम के बीच मान्यताओं और विचारों की विभिन्नताओं की कहानी है. आधुनिक विचारों वाला आदित्य (मनोज कुमार राव) पेशे से एक वकील है. शादी के सालों बाद परिवार में बच्चे की किलकारी नहीं गूंजी है. सोनम (रोज लस्कर) बच्चा ना होने से दुखी है. संतान की वजह से चिंतित सोनम बार-बार आदित्य से माँ के अधूरे व्रत संकल्प की बात करती है. एक दिन अधूरे संकल्प को पूरा करने के लिए आदित्य सुल्तानगंज से बाबा बैधनाथ धाम तक की 105 किलोमीटर की यात्रा को निर्वस्त्र तय करने का निर्णय लेता है. और इसके लिए लम्बी क़ानूनी लड़ाई लड़ने के बाद न्यायालय से अनुमति भी मिल जाती है. लेकिन आदित्य के इस कदम से समाज के कई लोग खिलाफ हैं तो ऐसे में क्या आदित्य इस सफर को तय कर पायेगा…..? इस सवाल का जवाब जानने के लिए दर्शकों को सिनेमाहॉल तक जाना पड़ेगा.
जब फिल्म के हीरो मनोज राव से ‘बोलो ज़िन्दगी’ ने पूछा कि “पहली ही फिल्म में न्यूड सीन करने को लेकर आपने असहज महसूस नहीं किया?” मनोज राव ने बताया कि “यह स्टोरी की ही डिमांड थी. जब पहली बार स्टोरी सुनी तो अंदर से महसूस हुआ कि पहली ही फिल्म और इस तरह की भूमिका. लेकिन जब दूसरी बार डायरेक्टर से यह स्टोरी सुनी तो समझ में आया कि नहीं ये तो पारिवारिक फिल्म है, इसे करना चाहिए. हाँ चुनौती थी लेकिन मैंने अपने आप को इसके लिए पूरी तरह से तैयार किया.”
वहीं जब फिल्म के निर्माता-निर्देशक से ‘बोलो जिंदगी’ ने पूछा कि “वास्तव में न्यूड सीन फिल्माया गया है या स्पेशल इफेक्ट्स के माध्यम से इसे रियल बनाने की कोशिश की गयी है?” तब उन्होंने कहा कि “हाँ रियल न्यूड शॉट है. करीब 5 मिनट के आस-पास का सीन है जिसके जरिये हमने सुल्तानगंज से देवघर के बीच की नेकेड जर्नी दिखाने की कोशिश की है. कहानी के अनुसार वो एक रात की जर्नी है इसलिए हमने रात में ही ये सीन शूट किया है.”
डायरेक्टर्स कट के बैनर तले निर्मित ‘मृदंग’ की मुख्य भूमिका में मनोज कुमार राव, रोज लस्कर के साथ मजहर खान और बीरेंद्र गुप्ता भी महत्वपूर्ण किरदार में नजर आएंगे. फिल्म का लेखन-निर्देशन और निर्माण रितेश एस कुमार ने किया है. फिल्म का संगीत चुनमुन पंडित, मनोज नेगी और राम विजय चंद्रन का है. फिल्म के सिनेमैटोग्राफर नवीन वी मिश्रा हैं. संपादन आयनंद ए राम ने किया है. गीत चुनमुन पंडित, ए. बी मोहन और नवीन मिश्रा ने लिखे हैं. कोरियोग्राफर हैं देवेंद्र चतुर्वेदी और महेश वी गवांकर. इसकी शूटिंग देवघर और पटना में हुई. कोर्ट सीन की शूटिंग मुंबई में की गयी. वहीँ गानों की शूटिंग पूना में हुई है. जहाँ फिल्म के हीरो मनोज राव बिहार से हैं वहीँ हीरोइन रोज आसाम से हैं. दोनों की ही यह पहली हिंदी फिल्म है, इससे पहले ये कई शॉर्ट फिल्मों में नजर आ चुके हैं. फिल्म ‘मृदंग‘ 27 जुलाई को बिहार-झाड़खंड सहित कई शहरों में प्रदर्शित होगी.