संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार के सौजन्य से सांस्कृतिक संस्था “मंथन कला परिषद” , खगौल द्वारा तीन दिवसीय “नाट्य रंगमहोत्सव -2021” का समापन 22 मार्च, “बिहार दिवस” के दिन हुआ.
मंथन कला परिषद् खगौल द्वारा तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव -2021 की शुरुआत 20 मार्च को खगौल, दानापुर एन.सी.घोष सभागार में हुई, जिसका शुभारंभ उपस्थित मुख्य अतिथि सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री राम कृपाल यादव द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. उक्त अवसर पर वरिष्ठ रंगकर्मी प्रमोद कुमार त्रिपाठी, सनोज यादव भाजपा नेता, जीवन कुमार संयोजक बिहार हिन्दू जागरण मंच, सुनील कुमार सिन्हा, अमन कुमार, नवाब आलम, सज्जाद आलम सहित कई स्थानीय रंगकर्मी उपस्थित थें.
मंच संचालन जय प्रकाश मिश्रा द्वारा किया गया. उद्घाटन समारोह के बाद बिहार की चर्चित लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत के गीतों से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. संस्था की ओर से नीतू कुमारी नवगीत और काजोल कुमारी को सम्मानित किया गया.
1st Day :- महोत्सव के प्रथम दिन मंथन कला परिषद की ओर से विश्व प्राख्यात नाटककार हेनरिक इब्सन द्वारा लिखित प्रमोद कुमार त्रिपाठी निदेशित नाटक “गुड़िया घर” की प्रभावशाली प्रस्तुति हुई. 1879 में लिखित यह नाटक तब काफी चर्चित हुआ था और दुनियाभर में इसका मंचन होता रहा है. महिलाओं के अधिकार को लेकर लिखा गया यह नाटक आज भी प्रासंगिक है.
इस नाटक के माध्यम से यह दर्शाया गया है कि एक बेटी अपने पिता के घर में तमाम सुख सुविधाओं के साथ रहती तो है पर उसका वजूद एक गुड़िया के समान होता है जहाँ वह स्वतंत्र निर्णय लेकर अपनी पसंद -नापसंद का इजहार भी नहीं कर पाती, पिता का घर हो या पति का, उसके जीवन में कोई फर्क नहीं दिखता .नाटक की मुख्य नायिका प्रीति अपने पति मानस के घर में भी वह सम्मान नहीं पा सकी. अंततः वह घर छोड़ने का फैसला करती है. कलाकारों में अंजली शर्मा, हौबिंस कुमार, सोनू कुमार, प्रितम कुमार और पूजा कुमारी ने अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों को खूब प्रभावित किया. मंडल सास्कृतिक संघ,पूर्व मध्य रेल दानापुर के प्रभारी बबलू कुमार के नेतृत्व में कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
2nd Day :- मंथन कला परिषद् खगौल द्वारा तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव -2021 के अंतर्गत दूसरे दिन दानापुर एन.सी.घोष सभागार में देश की प्रतिष्ठित संस्था प्रांगण पटना द्वारा टैगोर लिखित नाटक “चारूलता” का मंचन सोमा चक्रवर्ती के निर्देशन में हुआ. उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि बिहार विधान परिषद श्रीमती निवेदिता सिंह, सजल झा, पूनम शमाँ, वंदना सिहं, वरिष्ठ रंगकर्मी अभय सिन्हा, प्रमोद कुमार त्रिपाठी, श्वेता श्रीवास्तव, सुनील कुमार सिन्हा, अमन कुमार, विजय कुमार सिन्हा, सज्जाद आलम, पूजा कुमारी, रिया राज, प्रितम कुमार सहित कई स्थानीय रंगकर्मी उपस्थित थें. मंच संचालन जय प्रकाश मिश्रा द्वारा किया गया.
नाटक चारूलता लगभग एक शताब्दी पूर्व गुरू रवींद्रनाथ ठाकुर की एक ऐसी रचना है जो आधुनिक स्त्री विमर्श की बुनियाद मानी जा सकती है. स्त्रियों की अपनी इच्छा, आशाएं और आकांक्षाएं होती हैं, वह सिर्फ पुरुषों के हाँ में ही हाँ मिलाने वाली नहीं, बल्कि अपने बलबूते फैसला करती हैं.
लगभग छह दर्जन से अधिक नाटकों में मुख्य भूमिकाएं अभिनीत करने वाली पटना रंगमंच की सशक्त अभिनेत्री, लोक नृत्यांगना, रेडियो-टीवी-मंच संचालिका और नाट्य निर्देशिका-सोमा चक्रवर्ती ने इस प्रस्तुति की परिकल्पना की है. उन्होंने बड़ी सुगमता से चरित्रों के भावों को कलाकरों के माध्यम से मंच पर सहज एवं प्रभावी ढंग से दर्शकों तक प्रस्तुत किया.
मंच पर चारूलता-सोमा चक्रवर्ती, भूपति-गिरीश मोहन,उमापति-आर.नरेन्द्र,मंदा- डाँ अंजु चंन्द्रा,अमल-संजय सिंह, हरि-अमिताभ रंजन, व्यक्ति- ओम प्रकाश, अतीश कुमार, आशुतोष कुमार, संजय कुमार. नेपथ्य- वेशाभूषा- सोमा चक्रवर्ती एवं अभय सिन्हा, निर्देशन सहयोग- संजय सिंह एवं अभय सिन्हा, प्रकाश परिकल्पना- रौशन कुमार, संगीत परिकल्पना डॉ० किशोर सिन्हा, संगीत संचालन- अतीश कुमार, मंच व्यवस्था- अभय सिन्हा, मंच सज्जा सुनील कुमार शर्मा.
3rd Day :- अंतिम दिन दानापुर एन.सी.घोष सभागार में मंडल सांस्कृतिक संघ,पूर्व मध्य रेल,दानापुर के कलाकारों द्वारा सर्वेश्वर दयाल सक्सेना लिखित नाटक “बकरी” का मंचन अरूण कुमार के निर्देशन में किया गया. उक्त अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री पद्मश्री डा. सी.पी.ठाकुर, बिहार सरकार के मंत्री जनक राम, दानापुर मंडल रेल प्रबंधक सुनील कुमार, बिहार संगीत नाटकआकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार त्रिपाठी, रंगकर्मी पत्रकार अमरजीत शर्मा, श्वेता श्रीवास्तव, सुनील कुमार सिन्हा, विजय कुमार सिन्हा, सज्जादआलम,अमन कुमार, प्रशांत कुमार हौबिंस कुमार,दीनानाथ गोस्वामी,सोनू कुमार,पूजा कुमारी, रिया राज,प्रितम कुमार सहित कई स्थानीय रंगकर्मी उपस्थित थें. मंच संचालन जय प्रकाश मिश्रा द्वारा किया गया. मंथन कला सम्मान से वागीश झा और श्यामाकांत साह को सम्मानित किया गया वहीं मंथन पत्रकार सम्मान भी दिया गया.
नाटक “बकरी” मॆं दिखलाया गया कि गाँधी जी के नाम का सहारा लेकर अपराधी भी राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं. चोर – लुटेरे, गाँधी जी के नाम पर देश को लूट रहे हैं. आम जनता परेशान है. लुटेरों के झांसे में आकर देश की बागडोर उन्ही को सौंपी जा रही है….
कलाकारों में अरुण कुमार , राजेश कुमार, संतोष कुमार शर्मा, मनोज सोनी, पवन कुमार,रविना पाण्डेय, अविनाश किशोर, चन्दन कुमार शर्मा, रंजन कुमार सिंह ने अपने अभिनय से प्रभावित किया. बबलू कुमार के गीत नाटक के प्रवाह को और भी गति प्रदान करते हैं. तबला पर विनोद कुमार और नाल पर विजाय कुमार थें. प्रकाश धर्मवीर यादव, रूप सज्जा अरूण कुमार, मंच सज्जा संतोष कुमार पाण्डेय का था.
महोत्सव में ओपन लाइफ डांस एकेडमी, खगौल के कलाकारों द्वारा मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति भी की गयी.
'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).