‘राष्ट्रीय कवि-संगम’, बिहार के प्रथम सम्मलेन में 50 से भी अधिक कवियों ने बहाई काव्य-धारा

‘राष्ट्रीय कवि-संगम’, बिहार के प्रथम सम्मलेन में 50 से भी अधिक कवियों ने बहाई काव्य-धारा

पटना, 28 जनवरी, सामुदायिक भवन,शिवपुरी (अनीसाबाद) में एक ही मंच पर राज्य के विभिन्न जिलों से आये कवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए ‘राष्ट्रीय कवि संगम’ के तत्वाधान में प्रथम बार बिहार में आयोजित कवि सम्मलेन को यादगार बना दिया. इस अवसर पर पटना सहित कई जिलों के 50 से भी अधिक प्रतिनिधि-कवियों ने हिस्सा लेकर जमकर काव्य-धारा बहाई. 6 घंटे तक चले इस कार्यक्रम का उद्घाटन झाड़खंड से आये नव्यव्याकरणाचार्य एवं मुख्य अतिथि पंकज झा द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया. सबसे पहले मंच पर आते ही पंकज झा ने अपने संस्कृत गीतों से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. अब जरा गौर फर्माते हैं कार्यक्रम में मौजूद कवियों द्वारा प्रस्तुत मनभावन कविताओं पर…

 

प्रसिद्ध शायर समीर परिमल ने सुनाया- ‘किस्मत जाने कैसे-कैसे खेल दिखानेवाली है….दुनिया बन गयी करणी सेना, तन्हा दिल भंसाली है.’

डॉ. रामनाथ शोधार्थी ने सुनाया- ‘रातभर थपथपाया है खुद को…जैसे-तैसे सुलाया है खुद को.’

 

     ‘राष्ट्रीय कवि-संगम में काव्य-धारा बहाते कविजन

वहीँ नालंदा से आये युवा कवि संजीव मुकेश ने मगध की धरती पर अपनी मगही व्यंग्य रचना प्रस्तुत की – ‘ई ससुरी चाय ! बड़ी बलाय….जे घर जाहूं ओजेय मिल जाये..’ इस काव्य रचना ने लोगों को खूब गुदगुदाया.

अंजनी कुमार सुमन जी ने सुनाया ‘सब मुहब्बत करें वो जमाना तो दो…’.

दरभंगा के विनोद कुमार हसौड़ा जी ने वीर एवं हास्य रस की रचनाओं से दर्शकों को लोटपोट कर दिया.

राजगीर की डॉ. रेखा सिन्हा ने भी उम्दा रचना पढ़ी. नालंदा के मनीष रंजन ने ओज प्रधान कविता सुनाकर सबका दिल जीतने का प्रयास किया. जहानाबाद के सागर आनंद ने गजल पेश किया. समस्तीपुर से विजय व्रत कंठ के द्वारा भी काबिले-गौर रचना पढ़ी गयी.

इनके आलावा सम्मलेन में उपस्थित अन्य महत्वपूर्ण कवियों में कवि घनश्याम, स्वराक्षी स्वरा, नेहा नारायण सिंह, सरोज तिवारी, अरुण कुमार राय, सूरज ठाकुर, अक्स समस्तीपुरी, मधुरेश नारायण, विकास राज आदि ने भी दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी.

कवि सम्मलेन का संचालन किया कुमारी स्मृति कुमकुम ने तथा अध्यक्षता की डॉ. सुदर्शन श्रीनिवास शांडिल्य ने. धन्यवाद ज्ञापन संयोजक अविनाश कुमार पांडेय ने किया. सभी कवियों को ‘राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया.

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'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).

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