महामानवी माता जानकी नाटक का कला जागरण ने किया मंचन

महामानवी माता जानकी नाटक का कला जागरण ने किया मंचन

दिनांक 22 नवंबर 2025, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के सौजन्य से कला जागरण के कलाकारों ने धार्मिक हिन्दी नाटक महामानवी माता जानकी की बहुत हीं प्रभावशाली प्रस्तुति प्रेमचंद रंगशाला,पटना में की | इस नाटक को सुमन कुमार ने परिकल्पित एवं निर्देशित किया | नाट्य संरचना सह निर्देशन डा.किशोर सिन्हा तथा संगीत निर्देशन सरोज दास ने किया | इस नाटक में महिमा, सौरव सिंह, अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा, नीलेश्वर मिश्र, निशांत सिंह राजपूत, उमेश कुमार, विष्णुदेव कुमार, प्रीति कुमारी, मुस्कान शर्मा, धीरज कुमार,अजीत गुज्जर, प्रिंस राज, अभिषेक कुमार, संजय साहनी, रंजन ठाकुर सहित सभी कलाकार मंच पर काफी सशक्त अभिनय कर रहे थे | प्रकाश परिकल्पना- राजीव कुमार ने किया |
“महामानवी माता जानकी” एक नाट्य कथा है जो सीता के जीवन को देवी से भी बढ़कर एक अद्भुत, दृढ़ और साहसी महा मानवी के रूप में प्रस्तुत करती है। कथा आरंभ होती है मिथिला में उनके धरती की गोद से चमत्कारिक जन्म से। बचपन से ही सीता सौम्यता, करुणा और धैर्य की प्रतिमूर्ति बनकर विकसित होती हैं। शिवधनुष भंग के बाद राम से उनका विवाह होता है और दोनों का जीवन आदर्श प्रेम व मर्यादा का प्रतीक बनता है। राजा दशरथ के निर्णय के बाद राम को 14 वर्ष का वनवास मिलता है, और सीता निस्संदेह उनके साथ जाने का निर्णय लेती हैं। वन में रावण द्वारा उनका अपहरण उनकी सबसे कठिन परीक्षा का प्रारंभ होता है। अशोक वाटिका में वे अपनी पवित्रता और साहस को अटल रखती हैं। रावण वध के बाद भी समाज के संदेहों के कारण उन्हें अग्नि-परीक्षा देनी पड़ती है जो उनके लिए गहरी पीड़ा का विषय बनती है। बाद में, जनमत के दबाव में गर्भवती सीता को वन में छोड़ दिया जाता है। वाल्मीकि आश्रम में वे लव और कुश को जन्म देती हैं और उन्हें संस्कारों से सींचती हैं। अंततः, बार-बार की परीक्षाओं से थककर सीता धरती माता को पुकारती हैं और उसमें विलीन हो जाती हैं।

मंच पर
माता जानकी – महिमा
सूत्रधार – नीलेश्वर मिश्र, मुस्कान शर्मा
वाल्मिकी – अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा
रावण – सौरभ कुमार सिंह
राम – निशांत सिंह राजपूत
लक्ष्मण – प्रिंस राज
हनुमान – उमेश कुमार
जनक/अग्निदेव/विभीषण – विष्णुदेव कुमार
कैकई/त्रिजटा – प्रीति कुमारी
दशरथ – धीरज कुमार
विश्वामित्र – अजीत गुज्जर
राज गुरू – रंजन ठाकुर
राजकुमार – अभिषेक कुमार/ अमन कश्यप
लव – आदित्य देव
कुश – शौर्य प्रताप
अन्य – संजय साहनी / नागेन्द्र कुमार
नृत्य – आसमा कुमारी/ मानसी राज/ रेचल कुमारी/ स्वीटी कुमारी

मंच परे
पार्श्व स्वर एवं गायन- नीलेश्वर मिश्र/अभिषेक पाठक/
अपराजिता चटर्जी/ शुभव्रत चटर्जी/ ताश्विक/ संतोष कुमार/
कन्हैया प्रसाद / नंदलाल सिंह
प्रकाश परिकल्पना –राजीव कुमार प्रकाश
प्रबंधन – मनीष कुमार, सहयोग -रौशन
मंच एवं वस्त्र परिकल्पना – आदर्श वैभव
मंच सज्जा – विनय कुमार
रूप सज्जा – विनय कुमार/ सुदामा पाण्डेय
वस्त्र प्रबन्धन – संगीत शिक्षायतन/बिहार आर्ट थियेटर/ रीना कुमारी
मंच संचालन- यामिनी
प्रस्तुति नियंत्रण – रोहित कुमार
मार्गदर्शन – अखिलेश्वर प्रसाद सिन्हा
संगीत निर्देशन – सरोज दास
नाट्य संरचना एवं सह निर्देशन – डा.किशोर सिन्हा
परिकल्पना एवं निर्देशन – सुमन कुमार
सौजन्य – कला संस्कृति एवं युवा विभाग,बिहार सरकार
आभार – बिहार संगीत नाटक अकादमी,प्रेमचंद रंगशाला परिवार,रंगकर्मी गण एवं सभी पत्रकार बंधु

About The Author

'Bolo Zindagi' s Founder & Editor Rakesh Singh 'Sonu' is Reporter, Researcher, Poet, Lyricist & Story writer. He is author of three books namely Sixer Lalu Yadav Ke (Comedy Collection), Tumhen Soche Bina Nind Aaye Toh Kaise? (Song, Poem, Shayari Collection) & Ek Juda Sa Ladka (Novel). He worked with Dainik Hindustan, Dainik Jagran, Rashtriya Sahara (Patna), Delhi Press Bhawan Magazines, Bhojpuri City as a freelance reporter & writer. He worked as a Assistant Producer at E24 (Mumbai-Delhi).

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