पटना, 8 मार्च, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में पटना एयरपोर्ट पर वाकई शहर की महिलाओं को नयी उड़ान भरते देखा गया. बिहार की पैड वुमनिया यानि पल्ल्वी सिन्हा, अमृता सिंह और डॉ. अर्चना की तिकड़ी ने आज के दिन बिहार की महिलाओं को एक नयी सौगात दी एयरपोर्ट पर सैनेटरी वेंडिंग मशीन के रूप में. इससे पहले हाल ही में इन्होने पटना रेलवे स्टेशन पर यात्री महिलाओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यह वेंडिंग मशीन लगवाई है. महिला दिवस पर सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें ना करते हुए इन्होंने महिलाओं को जो तौफा दिया वह अत्यंत सराहनीय है.
आज शाम पटना एयरपोर्ट पर इनके ‘नव अस्तित्व फाउंडेशन’ ने नेचर वर्ल्ड फर्नीचर कम्पनी के सहयोग से सिक्योरिटी चेकिंग एरिया में शौचालय के पास सैनेटरी वेंडिंग मशीन लगाया जिसका उद्घाटन मिसेज एन.विजयालक्ष्मी ( चेयरमैन, डब्लू, डी. सी.) और मी. राजेंद्र सिंह लहौरिया ( निदेशक, पटना एयरपोर्ट) द्वारा किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मी. राजेश सुरेखा (मैनेजिंग डायरेक्टर, नेचर वर्ल्ड) जिन्होंने यहाँ और पटना रेलवे स्टेशन पर लगी वेंडिंग मशीन डोनेट की है उपस्थित रहें. मशीन के उद्घाटन के बाद मौजूद संस्था की महिलाओं और मुख्य अतिथियों ने क्रमश: 5 रूपए के क्वाइन मशीन में डालकर पैड निकालने की प्रक्रिया को बड़ी ही सहजता से दिखाया.
जब ‘बोलो ज़िन्दगी‘ के एडिटर राकेश सिंह ‘सोनू’ ने नव अस्तित्व फाउंडेशन की अध्यक्ष पल्लवी सिन्हा से पूछा कि, “रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट आनेवाले यात्रियों में विभिन्नताएं हैं. रेलवे स्टेशन पर आम यात्री भी आते हैं लेकिन एयरपोर्ट पर यानि हवाई सफर करनेवाले यात्री संभ्रांत परिवार और मॉल कल्चर वाले होते हैं. वे ज्यादातर ब्रांडेड और अपनी पसंदीदा कंपनियों के ही प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं तो ऐसे में वो यात्री इस पहल को किस रूप में स्वीकार करेंगे…?” इसपर पल्ल्वी सिन्हा ने बताया कि “सैनेटरी वेंडिंग मशीन जब किसी पब्लिक प्लेस पर लगायी जाती है तो वहाँ लगाने का उद्देश्य पैड लेना नहीं है बल्कि वो उस एमरजेंसी सिचुएशन को अवॉइड करना है जो अचानक हो जाता है. क्यूंकि पीरियड्स जो है एक ऐसा इशू है जो आपको बोलकर नहीं आता. आप एकदम तैयार नहीं हैं और पीरियड्स आ गया, अब ऐसे में महिलाएं बहुत ज्यादा तनावग्रस्त हो जाती हैं. अगर सिक्योरटी जोन में एकबार आप इंटर कर गएँ तो निकलने का ऑप्शन नहीं होता है. और अगर ये प्रॉब्लम आ गयी तो इसीलिए यहाँ पर मशीन लगायी गयी है. रेलवे स्टेशन पर भी हमारा मकसद यही है. ट्रेन अनाउंस हो रहा है और आपको पीरियड्स आ रहा है तो फिर आप क्या करेंगे…? लेकिन अगर ट्रेन लम्बी दूरी पर है तो आपके साथ का या कोई भी बंदा दौड़कर प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जायेगा और 5 रूपए का क्वाइन डालकर पैड निकालकर ला देगा. तो ये सिर्फ इमरजेंसी सिचुएशन के लिए ही है.”
वहीँ संस्था की सचिव अमृता सिंह ने बताया कि “यह बहुत ही नयी पहल है क्यूंकि बाहर जानेवाले पैसेंजर्स को काफी तकलीफें आ रही थीं, मुझे बहुत सारे लोगों का कॉल आ रहा था तो हमने ये छोटी सी शुरुआत की है, हमें लगता है कि ये सफल होना चाहिए. और मैं साथ में थैंक्स बोलना चाहूंगी bolozindagi.com और तमाम मीडिया को जो हमारी इस मुहीम में हमेशा साथ देती है, हमारा हौसला बढ़ाती है.”
संस्था की कोषाध्यक्ष डॉ. अर्चना कुमारी ने कहा कि, “अब सफर के लिए निकली महिलाओं-बच्चियों को पीरियड्स से घबराने या डरने की जरुरत नहीं है.” उन्होंने बताया कि इस वेंडिंग मशीन में एक बार में 100 पैड रखने की क्षमता है.”
वहीँ पटना एयरपोर्ट के निदेशक राजेंद्र सिंह लहौरिया ने बताया कि “सिर्फ मैं ही नहीं बल्कि इस पहल का पूरी गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया सपोर्ट कर रही है. जैसा की आप देखते होंगे कि आज से 10-20 साल पहले लड़कियों का रास्ते में चलना भी एक खैफनाक मंजर था. लेकिन आज के दिन मर्द और औरत में खास डिफरेंस नहीं रह गया है. खासकर जो लड़कियों के पीरियड्स आनेपर मन में यह हौव्वा बना हुआ था कि किसके पास एप्रोच करें, किसके पास जाएँ….! तो यह एक नयी चीज है जिसकी मदद से लोगों के मन में पल रही झिझक और हौव्वे को खत्म करना है. जहाँ तक एयरपोर्ट की बात है तो यहाँ लेडीज पैसेंजर की मात्रा भी बढ़ती जा रही है. और जब बोर्डिंग पास लेकर सेक्युरिटी जोन एरिया में लेडीज जाती है तो उसके पास बहुत टाइम होता है. उस समय किसी को भी ये आम रिक्वायरमेंट होती है तो ऐसे में बिना आपके बाहर गए वहीँ पर सिर्फ 5 रूपए का क्वाइन डालकर आराम से सैनेटरी पैड निकाल सकते हैं.”
वाकई बिहार की इन पैड वुमनिया के इस ज़ज़्बे को देखकर तो ‘बोलो ज़िन्दगी’ यही कहेगा कि –
“हम उड़ना चाहेंगे तभी तो ये ज़माना भी साथ देगा….गर हौसले ही कमजोर हों तो फिर आसमां क्या विस्तार देगा.”