पटना 13 फ़रवरी 2020, “कई साल पहले ऐसा होता था कि क्रिकेट मेंस का गेम था लेकिन जिस तरीके से महिला क्रिकेट टीम ने परफॉर्म किया है मुझे लगता है इंडियन वुमेंस भी उतनी ही ज्यादा एक्साइटेड है जितने मेंस है. और यह बहुत अच्छा साइन है कि अगर लड़कियां क्रिकेट में आएँगी तो इससे पता चलता है कि हमारा जो विजन है भारत को एक स्पोर्टिंग कंट्री बनाने का उसके लिए यह बहुत बड़ा स्टेप है. यह बहुत अच्छा साइन है देश के लिए भी क्यूंकि जितना ज्यादा आप लड़कियों को प्रमोट करोगे उतना ही ज्यादा देश भी आगे बढ़ेगा.” ये बातें भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने पटना में हुए फनगेज़ के संवाददाता सम्मलेन के दौरान लड़कियों की क्रिकेट में भागीदारी के बारे में कहीं.
गंभीर ने युवा खिलाड़ियों के लिए कहा कि “अगर आपमें लगन है तो आप अपने लिए रास्ते निकाल लेंगे. क्रिकेट खेलने के लिए तकनीक ही सब कुछ नहीं है उससे भी जरुरी है लगन और आत्मविश्वास.” फनगेज़ के बारे में बताते हुए गंभीर ने कहा कि “यह एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसके माध्यम से गरीब और वंचित बच्चे भी देश के लिए खेलने के अपने सपने को पूरा कर सकते हैं.”
जब बोलो ज़िन्दगी से प्रीतम कुमार ने उनसे सवाल किया कि “बिहार की टीम को अगर हम आईपीएल में नहीं देख पा रहे हैँ तो उसकी क्या वजह है ?” गौतम गंभीर का जवाब था, “वैसे देखा जाये तो बिहार के आधे दर्जन ख़िलाड़ी विभिन्न आईपीएल टीम से जुड़कर खेल रहे हैँ लेकिन अगर बिहार की खुद की आईपीएल टीम नहीं बन पा रही है तो इसमें यही कहा जा सकता है कि अभी-अभी बिहार को रणजी के लिए अनुमति मिली है, तो हो सकता है आने वाले समय में बिहार के ज्यादा से ज्यादा ख़िलाड़ी इंडियन टीम में भी जगह बनायें और खुद की आईपीएल टीम भी बनायें.”
जब गौतम गंभीर से पूछा गया कि “मगर स्पोर्ट्स को लेकर बिहार गवर्नमेंट का उतना सहयोग नहीं मिलता तो इसपर क्या कहना चाहेंगे ?” गौतम ने कहा – “यहाँ की सरकार से हम रिक्वेस्ट करेंगे कि वो सिर्फ क्रिकेट ही नहीं अन्य खेलों को भी बढ़ावा दें ताकि प्रतिभावान खिलाड़ियों को मौका मिल सके. अगर राज्य का युवा एक डायरेक्शन में लगता है तो उससे स्टेट भी तरक्की करता है.”
गौतम गंभीर के क्रिकेट कोच संजय भारद्वाज ने कहा कि “जो खिलाड़ी ईमानदारी के साथ लगातार मेहनत करते हैं उन्हें सफलता मिलती है, वो लम्बे समय तक खेलते हैं. यह भारत में पहली बार है जब क्रिकेट में फेलोशिप दी जा रही है जिसे पॉवर प्लेयर का नाम दिया गया है. बच्चों को यहाँ खेलने का एक अच्छा माहौल मिल सकता है.”
वहीँ फनगेज़ के संस्थापक यशराज गुप्ता ने कहा कि “यह भारत में पहली बार है जब क्रिकेट में फेलोशिप दी जा रही है जिसे हम पॉवर प्लेयर कहते हैं. इसमें तीन चरण हैं, शुरूआती चरण में कोई कोच नहीं होता सिर्फ 5 उच्च स्तर के कैमरे होते हैं, जिसके माध्यम से खिलाडियों के द्वारा खेले गए गेंदों की वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर चयन किया जाता है. इसके बाद एडवांस ट्रायल और फिटनेस टेस्ट लिए जाते हैं.” क्रिकेट ट्रेनिंग की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि “प्रशिक्षण शिविर 20 दिनों का होता है जिसमें सभी खिलाडियों को 40 ओवर के 5 मैच खेलने होते हैं. सर्वोत्तम 60 खिलाडियों को तीन सप्ताह का लेइचेस्टरशैर काउंटी क्रिकेट क्लब, इंग्लैंड में प्रशिक्षण और 120 खिलाडियों को पांच वर्षों का प्रशिक्षण सहयोग मिलेगा. इससे पहले चरण में इस योजना के तहत 33 खिलाडियों को चुना गया था और 15 खिलाड़ियों को लेइचेस्टरशैर काउंटी क्रिकेट क्लब, इंग्लैंड में तीन हफ्ते क्रिकेट के गुर सीखने का मौका भी मिला.”
इंडियन रेलवे महिला क्रिकेट टीम के कोच मन्नू कुमार ने कहा कि “फनगेज़ क्रिकेट ट्रायल में आधुनिकतम तकनीकों का इस्तेमाल करती है. तकनीक चयनकर्ताओं के काम को आसन बना देती है. क्रिकेट खिलाडियों को जो प्रशिक्षण दिया जाता है उसमे तकनीक का योगदान काफी अहम है. इसके माध्यम से खिलाडियों की छोटी-छोटी कमियों को पहचाना जा सकता है और उन्हें दूर किया जा सकता है. “फन गेज़ पॉवर प्लेयर” की यह खासियत है कि इसमें सलेक्शन या रिजेक्शन नहीं हैं इसमें खिलाडियों का अस्सेस्मेंट किया जाता है.”
कार्यक्रम के दौरान उससे सम्बंधित वीडियो भी दिखाए गए.