पटना, 24 जुलाई, राज्य के पशुचिकित्सकों में गुणवत्ता लाने के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण (कंटिन्यूइंग एजुकेशन प्रोग्राम) का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पटना के होटल चाणक्या में पेट प्रैक्टिशनर एसोसिएशन ऑफ बिहार (पीपीएबी) की ओर से आयोजित किया गया था। जिसमें मूलरुप से देश के चर्चित पशुरोग विशेषज्ञ डॉ निहार जयकार मुंबई से पटना आए थें। उन्होंने बिहार के पशुचिकित्सकों का ज्ञानवर्धन किया और उन्हें नई तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने चिकित्सकों को कुछ उन्नत चिकित्सा पद्धति बतायी जिससे पशु संक्रमण की रोकथाम में भी मदद मिल पाएगी। बिहार के पशुचिकित्सक सामान्य रुप से सभी पशुओं का इलाज करते हैं। मगर इस प्रशिक्षण में एग्जॉटिक जानवरों में पायी जाने वाली बीमारियों पर नियंत्रण के गुर सिखाएं गये। खासकर खरगोश, तोता, कछुआ, विलायती चूहा समेत कई पशु व पक्षियों के बेहतर इलाज से संबंधित कई जानकारियां साझा की गयी।
इस प्रशिक्षण में मुंबई से आए डॉ नाहर ने खरगोश की फैमिली प्लानिंग, उनके दांतो की समस्या का निदान के अलावे पशुओं के चर्म रोग व उनमें पाए जाने वाले विभिन्न संक्रमणों की रोकथाम की उचित जानकारी दी। मुंबई से आए डॉ. नाहर ने कहा कि सभी चिकित्सकों को बेहतर इलाज के लिए संपूर्ण जानकारी जरुरी है। इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर से चिकित्सकों की कौशल क्षमता का विकास होता है। इस अवसर पर पशु चिकित्सक डॉ. विकास ने बताया कि आज के इस प्रशिक्षण से यहां बिहार के कोने-कोने से आए चिकित्सकों को लाभ मिला। इस प्रकार के आयोजन से बिहार के चिकित्सकों को पशुओं के इलाज के लिए बेहतर चिकित्सा पद्धति जानने का मौका मिला। कार्यक्रम के आयोजक एवर पेट्स की दवाओं का भी लांच किया गया। एवर पेट्स के निदेशक डॉ. रोहित कुमार ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन से चिकित्सकों को मदद मिलती है। कोरोना के बाद यह पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम है। इसे निरंतर चलाया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान संस्था के अध्यक्ष जितेंद्र कुमार, सचिव विमल कुमार समेत कई चिकित्सक उपस्थित रहें।