16 जनवरी 2020, पटना के ईस्ट बोरिंग केनाल रोड में कैफे PINAKIN की लॉन्चिंग हुई. कैफे का इंटीरियर डेकोरेशन देखते ही बन रहा था. इस नए कैफे को शुरू किया है दो युवाओं हर्षित और आदित्य ने. जबकि इस कैफे के ये दोनों ही ऑनर स्टूडेंट हैं. जहाँ हर्षित मैनेजमेंट तो आदित्य कॉम्प्यूटर साइंस के स्टूडेंट हैं.
बोलो ज़िंदगी के पूछने पर उन्होंने बताया कि “हमारे कैफे का नाम भगवान शंकर से जुड़ा है. चूंकि पिनाक उनके धनुष का नाम हुआ और पिनाक धनुष को धारण करनेवाले महादेव पिनाकिन कहलाएं.” लेकिन यही डिफरेंट नेम ही क्यों सोचा ? इसपर हर्षित ने बताया कि “पहले हमने सोचा कि इटालियन, मेक्सिकन नाम रखा जाए, फिर ख्याल आया कि इंडिया में रहकर वेस्टर्न कल्चर क्यों इंडियन कल्चर पर ही रखा जाए. चूंकि इंडिया में सबसे रिच है हिन्दू कल्चर और हिन्दू कल्चर में सबसे बड़े देवता हैं महादेव यानी भगवान शंकर. हिन्दू कल्चर में हर देवता के 108 नाम होते हैं तो उसी लिहाज से भगवान शंकर के 108 नामों में से हमे पिनाकिन नाम सबसे यूनिक लगा इसलिए हमने कैफे का नाम पिनाकिन रख दिया.”
बोरिंग रोड तो कैफे का हब माना जाता है फिर आपके इस कैफे में नया कुछ क्या है ? यह पूछने पर आदित्य बताते हैं “यहाँ हर कोने में अलग-अलग थीम पर इंटीरियर डेकोरेशन मिलेगा. हमारे कैफे की दूसरी खासियत है कि ये प्योर वेज कैफे है, चूंकि आमतौर पर यह देखने में आता है कि वेजिटेरियन लोग वैसे कैफे या रेस्टोरेंट में जाने से बचते हैं जहाँ वेज के साथ-साथ नॉनवेज आइटम भी बनते हैं, तो उन्हें यहाँ आकर सन्तुष्टि मिलेगी. यहाँ शेक, सैंडविच, कॉकटेल-मॉकटेल और कॉफ़ी का टेस्ट बहुत स्पेशल मिलेगा.”
वहीं इनके भाई हैप्पी भारती ने बताया कि “आज तो यह कैफे स्टार्ट ही हुआ है, आगे हमलोग इसके मेन्यू में और इजाफा करेंगे. कोशिश रहेगी कि कुछ इंडियन फूड ही अलग तड़का लगाकर हम परोसे. और आनेवाले वक़्त में हमारी प्लांनिग है कि हर महीने यहां एक बार ओपेन माइक का भी आयोजन कराया जाए.”