उसके परफॉर्मेंस को देखकर अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने उसे कहा “पटना की फुलझड़ी”…. गायक उदित नारायण ने कहा “एकदम फाड़ दिया”…. वह स्टेज पर आते ही सच में अपनी अदायगी से आग लगा देती है…अपनी यूनिक आवाज के जादू से दर्शकों के दिलों की धड़कनें बढ़ा देती है. जी हाँ यहाँ बात हो रही है भजनों के रियालिटी शो ‘ओम शांति ओम’ की फर्स्ट रनरअप पटना की प्रिया मल्लिक की. प्रिया को गहराई से जानना है तो हमे ज़रा फ्लैशबैक में झांकना होगा जहाँ दिखेगा नन्ही प्रिया के सिंगर प्रिया मल्लिक बनने का सफर…
बिहार के सुपौल जिले से ताल्लुक रखनेवाली प्रिया मल्लिक का जन्म और स्कूली पढ़ाई पटना में हुई. अनीसाबाद के एस. राजा गर्ल्स हाई स्कूल से मैट्रिक करने के बाद 12 वीं की पढ़ाई जे.डी.वीमेंस कॉलेज से किया. बचपन से नृत्य-संगीत का शौक था. शौकिया पापा-मम्मी भी गाते थें. लेकिन उन्हें तब उतना सपोर्ट नहीं मिल पाया था इसलिए उन्होंने अपनी बेटी प्रिया का दिल से सपोर्ट किया. पहले प्रिया डांस सीखती थी. 6 महीने भरतनाट्यम सीखा, एक साल कत्थक सीखा और उस टाइम में प्रिया पहली कक्षा में थी. बचपन में जबतक माँ गाना गाकर नहीं सुलाती तब तक वो सोती नहीं थी. जब 5 साल की हुई तो डांस सीखना शुरू किया. पापा-मम्मी उसके डांस को लेकर बहुत डेडिकेटेड थें. 2007 की बात है, एक गाने का कम्पटीशन हुआ ‘सुर तरंग’, शहर में जिसका होर्डिंग-बैनर लगा हुआ था. प्रिया के पापा ने देखा तो कहा कि “तुम चलो ऐसे ही गा दो ऑडिशन में.” मम्मी ने टोका कि “अरे ये कहाँ से जाएगी, ये तो डांस करती है.” लेकिन पापा को ध्यान था कि जब भी प्रिया को डांस के लिए गुरु जी के पास बाइक पर बैठाकर ले जाते थें तो वो रास्ते में गाना गाती रहती थी. जब गाने के ऑडिशन में उसे लेकर गएँ तो आई.एम.ए. हॉल के स्टेज पर परफॉर्म किया था. इससे पहले प्रिया ने कभी स्टेज पर नहीं गाया था. उसने सीखा नहीं था मगर फिर भी सुर में गा दिया और वो फर्स्ट आ गयी और स्टेट लेवल पर उसका सेलेक्शन हो गया. तब प्रिया मजह 7 साल की थी. उसके बाद नेशनल के लिए दिल्ली परफॉर्म करने गयी मगर वहां सेलेक्ट नहीं हो पायी.
पटना ऑडिशन में जो जज थें श्री विजय सिंह उन्हें प्रिया की गायिकी बहुत पसंद आयी थी. वो गुरु जी मीठापुर में रहते थें फिर उनसे प्रिया के सीखने की शुरुआत हुई. फिर प्रिया का डांस छूट गया क्यूंकि दोनों विधाओं को साथ लेकर चलना सम्भव नहीं हो पा रहा था. लेकिन 2013 में प्रिया के म्यूजिक टीचर यानि गुरु जी मुंबई शिफ्ट हो गएँ. उनके चले जाने के बाद पटना में कोई उनके लेवल का नहीं मिला इसलिए एक साल यूँ ही बर्बाद गया. वो 5 साल की उम्र से ही प्रिया को सीखा रहे थें तो उनके साथ एक बहुत ही अच्छी ट्यूनिंग बन गयी थी. ऐसे में प्रिया ने अपसेट होकर रियाज करना बंद कर दिया. तब मम्मी-पापा हर 6 महीने पर जब समर-विंटर विकेशन होता तो प्रिया को मुंबई लेकर जाते थें और प्रिया गुरु जी के पास 10-15 दिन रहकर सीखती थी. फिर वापस पटना आ जाती. कुछ साल ऐसा लगातार चला लेकिन फिर सम्भव नहीं हो पा रहा था क्यूंकि पापा भारत भूषण मल्लिक को अपना बिजनेस संभालना था और मम्मी समता मल्लिक को अपना ब्यूटी पार्लर भी देखना था. उतनी दूर आने जाने में प्रॉब्लम हो रही थी और प्रिया को आगे चलकर इंडस्ट्री में प्ले बैक करना था जो पटना में रहकर सम्भव नहीं था. तो सबने डिसाइड किया प्रिया के 12 वीं के बाद मुंबई शिफ्ट कर जायेंगे.
2001 में प्रिया को सा रे गामा लिटिल चैम्प सिंगिंग कम्पटीशन में सिल्वर मैडल मिला और इंडिया में टॉप 30 में जगह बनायी. तब वह 7 वीं में थीं. पटना में ऐसे बहुत सारे कम्पटीशन में स्टेट लेवल जीती. 2014 में प्रिया की लाइफ में टर्निंग पॉइंट आया. लाइफ के पहले नेशनल लेवल कम्पटीशन ‘वेस्टीज आइडल’ में स्टेट लेवल पर जीतकर वो टॉप 10 में पहुंची. फ़ाइनल था दिल्ली में और जज थें शान, ललित पंडित जैसे मशहूर चेहरे. वहां 10 हजार ऑडियंस के बीच परफॉर्म किया और जीत गयी. प्रिया कहती है, “मुझे गाने के पहले बहुत डर लगता है लेकिन जब स्टेज पर आती हूँ तो सब भूल जाती हूँ, मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ जाता है. यह सोचकर कि मेरे पास बस 5 मिनट हैं और इसी में मुझे जी लेना है, पता नहीं ये पल दुबारा मिले या ना मिले.” वहां से प्रिया की पहचान बननी शुरू हुई. 2016 में बिहार में हुए कराओके सिंगिंग स्टार की भी वह विनर बनी.
प्रिया की मम्मी कहती हैं ” मुंबई शिफ्ट होने की वजह ये थी कि इसका टैलेंट हम बचपन से देखते आ रहे थें. जब ये ढ़ाई साल की थी तो हमारे कॉलेज में लालू जी आये हुए थें और मैंने इसे एक ऑटोग्राफ बुक दिया और इससे बोली कि जाओ बेटा ऑटोग्राफ ले लो. फिर इतनी भीड़ में प्रिया घुसकर लालू जी के पास जाकर ऑटोग्राफ ले आयी. और बहुत अच्छे से उनको पेन देकर उनके बगल में बैठ गयी थी.” शायद इसी कॉन्फिडेंस कि वजह से प्रिया सिंगिंग में आगे बढ़ती चली गयी. पूरे परिवार का मुंबई में शिफ्ट होना एक चुनौती थी. वे फाइनेनीशियल स्ट्रॉन्ग नहीं थें. लेकिन कहते हैं ना कि आपकी सोच आपको आगे बढ़ाती है. प्रिया के माँ-बाप ने सोचा इसको कैसे भी लेकर जायेंगे. जैसे ही प्रिया ने 12 वीं कम्प्लीट की उसकी माँ ने अपना पार्लर बेच दिया. मुंबई शिफ्ट होने में प्रिया के गुरु जी ने बहुत सपोर्ट किया. फरवरी 2017 में प्रिया अपनी माँ के साथ मुंबई शिफ्ट हो गयी और पापा बिजनेस की वजह से पटना में ही रह गएँ. मुंबई पहुंचकर प्रिया की माँ ने अपने फ़्लैट के एक कमरे में ही अपना ब्यूटी पार्लर शुरू कर दिया. शुरू में मुंबई में एडजस्टमेंट बहुत टफ रहा. नए होने की वजह से उतने कॉन्टेक्ट नहीं थें. उन्ही दिनों अचानक से एक कॉल आया कि लाइफ ओके जो अब स्टार भारत हो गया है पर एक रियालिटी शो के लिए आ जाओ. प्रिया की तबियत ठीक नहीं थी लेकिन मम्मी ने कहा “जैसे बाकि के ऑडिशन देती हो वैसे ही दे दो, होगा होगा नहीं तो कोई बात नहीं.”
अचानक से कॉल आ गया इसलिए कोई तैयारी भी नहीं हो पायी थी. प्रिया मम्मी के साथ ऑडिशन देने गयी और पहला राउंड क्लियर हो गया. तीसरे दिन कॉल आया कि आपको बुलाया गया है. वहां जाने पर पता चला कि उस नए शो का नाम ‘ओम शांति ओम’ है. इसी शो के साथ स्टार भारत चैनल की नयी शुरुआत हो रही थी. धीरे-धीरे प्रिया टॉप 3 में पहुँच गयी. शो के जज थें, म्यूजिक डायरेक्टर शेखर, ऐक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा और सिंगर कनिका कपूर. प्रिया हमेशा सोचती थी कि अगर किसी भी रियालिटी शो में गयी तो ऐसा गाउँ और कुछ ऐसा असर पड़े कि कोई भी कम्पोजर आये तो बोले कि मैं गवाना चाहता हूँ. और ठीक ऐसा ही हुआ, जितने भी सेलेब्रिटी जज आएं उन्हें प्रिया की आवाज बहुत पसंद आयी. एक एपिसोड में जब सचिन-जिगर आएं तो प्रिया के परफॉर्मेंस के बाद स्टेज पर आकर बोले कि “यह है वो आवाज जो मुझे चाहिए और इस आवाज को मैं प्ले बैक सिंगर की आवाज कह सकता हूँ.” एक बार सोनाक्षी सिन्हा ने कहा कि “शेखर, अगर आप जब भी प्रिया से गवाएंगे तो उसे मेरी आवाज बनाएंगे.” सोनाक्षी जब भी प्रिया का इंट्रोडक्शन देतीं तो उसे ‘पटना की फुलझड़ी’ कहकर सम्बोधित करतीं.
पहले प्रिया को अपनी आवाज बिल्कुल पसंद नहीं थी, वो श्रेया और लता जी को बहुत सुनती थी. प्रिया को लगता मेरी पतली आवाज नहीं है इसलिए रोया करती थी कि क्यों भगवान ने ऐसी आवाज दे दी. लेकिन जो भी सुनता यही कहता कि तुम्हारी आवाज यूनिक है. और उसी वॉइस क्वालिटी की वजह से प्रिया को शो में सबसे अलग रखा गया. ये पहला रियालिटी शो था जो बाहर का कॉपी नहीं था. भजन को वेस्टर्न अंदाज में प्रस्तुत करना था जिससे न्यू जेनरेशन को कुछ सन्देश भी जाये. ये कॉन्सेप्ट शो के प्रोड्यूसर पंकज नारायण का था जो बिहार के ही हैं. ये शो हर एज ग्रुप को पसंद आया. इससे पहले प्रिया ने कभी भजन नहीं गाया था. वह फिनाले तक पहुंची और फर्स्ट रनरअप बनी. इस शो से उसे सीखने को बहुत कुछ मिला. प्रिया को एक जॉनर में बंधकर नहीं रहना, बल्कि हर मूड के गाने गाना चाहती है. मतलब जो मिल जाये उसमे खुद के रंग डाल दे. प्रिया कहती है “बाहर के लोगों को लगता है कि बिहारी सिर्फ भोजपुरी या फोक ही गा सकते हैं. तो ऐसे में मुझे यह मिथ तोड़कर दिखाना था कि बिहारी हर टाइप के गाने गा सकते हैं.”