
हमलोग एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुके हैं जहां तकनीक ने मानव जीवन के हर पहलू को छू लिया है। स्मार्टफोन से लेकर स्मार्टवॉच तक, हर उपकरण अब सिर्फ संचार का साधन नहीं बल्कि हमारे स्वास्थ्य, सुरक्षा और जीवनशैली का संरक्षक बन गया है। इस कड़ी में एपल वॉच ने एक और क्रांतिकारी कदम उठाया है, अब यह वॉच प्रेग्नेंसी टेस्ट भी कर सकेगी, वो भी बिना किसी लैब टेस्ट या किट के। एआई यानि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से यह संभव हुआ है, जो मानव शरीर के बदलावों को पहले से भांप कर 92% तक सटीक नतीजा दे सकता है।
एपल ने इस शोध को अत्यंत गहराई और वैज्ञानिक परिशुद्धता के साथ अंजाम दिया है। 1.6 लाख से अधिक प्रतिभागियों ने स्वेच्छा से अपना हेल्थ डेटा साझा किया। इन प्रतिभागियों के वियरेबल डिवाइस जैसे कि एपल वॉच और आईफोन से प्राप्त आंकड़ों को एकत्र कर विश्लेषण किया गया। एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए 2.5 अरब घंटों से भी अधिक का वियरेबल डेटा उपयोग में लाया गया।
यह संख्या न केवल तकनीकी दृष्टिकोण से बड़ी है, बल्कि यह दर्शाती है कि कितनी गंभीरता से एपल इस शोध में जुटा है। एआई मॉडल ने उस डेटा को पढ़ना और समझना सीखा, जिसमें नींद के पैटर्न, दिल की धड़कन, तापमान, मूवमेंट और हार्मोनल बदलाव जैसे संकेत शामिल था।
इस एआई सिस्टम को “वियरेबल बिहेवियर मॉडल” (WBM) कहा जाता है। इस मॉडल को तैयार करने के लिए खासतौर पर 24,000 से अधिक महिलाओं का डेटा इकट्ठा किया गया, जो 50 वर्ष से कम उम्र की थी और जो गर्भावस्था के विभिन्न चरणों में थी। इन महिलाओं के हेल्थ डेटा को मॉडल में इस तरह से फीड किया गया कि सिस्टम शरीर में होने वाले लक्षणों को सीख सके।
WBM इस बात का अध्ययन करता है कि किसी महिला की शारीरिक गतिविधियों और स्वास्थ्य संकेतों में किस प्रकार के बदलाव होता है जब वह गर्भवती होती है। यह मॉडल इन पैटर्न्स को पहचान कर गर्भावस्था की संभावना को 92% सटीकता के साथ पहचानने में सक्षम हो गया है।
यह वॉच शरीर से जुड़ी तमाम गतिविधियों को रिकॉर्ड करती है। जैसे- हार्ट रेट वैरिएबिलिटी (HRV) गर्भवती होने पर महिलाओं की हृदय गति में विशेष पैटर्न देखने को मिलते हैं। नींद में बदलाव हार्मोनल परिवर्तनों के कारण नींद के चक्र में परिवर्तन होता है। स्किन टेम्परेचर शरीर का तापमान हल्का बढ़ जाता है। शारीरिक गतिविधि में कमी या बदलाव शरीर की ऊर्जा जरूरतों में बदलाव आता है। AI इन संकेतों को पहचान कर बताता है कि महिला गर्भवती हो सकती है या नहीं। यह पूरी प्रक्रिया बिना किसी रक्त परीक्षण या मूत्र परीक्षण के हो जाता है।
इस तकनीक का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह बहुत प्रारंभिक चरण में गर्भावस्था का संकेत दे सकता है, जब पारंपरिक टेस्ट भी सटीक नहीं हो पाता है। इससे महिलाओं को शुरुआती देखभाल जल्द मिल सकेगा, सही समय पर डॉक्टर से संपर्क किया जा सकेगा, गर्भपात की संभावनाएं कम होगी, बच्चे और मां दोनों की सुरक्षा बढ़ेगी। AI आधारित यह मॉडल महिलाओं को उनकी हेल्थ की जिम्मेदारी खुद सौंपता है और उन्हें सशक्त बनाता है।
यह तकनीक प्रीडिक्टिव एनालिसिस यानि संभावनाओं का आकलन करती है। यह पारंपरिक टेस्ट का विकल्प नहीं है, बल्कि एक अर्ली वार्निंग सिस्टम के तौर पर काम करता है। जैसे ही वॉच संभावित गर्भावस्था की चेतावनी देता है, उपयोगकर्ता डॉक्टर से परामर्श लेकर कन्फर्मेशन टेस्ट करवा सकता है।
महत्वपूर्ण सवाल यह है कि इतना संवेदनशील डेटा कहीं गलत हाथों में तो नहीं चला जाएगा? इस संबंध में एपल का दावा है कि सभी हेल्थ डेटा एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहता है। यूजर की अनुमति के बिना कोई डेटा कंपनी या थर्ड पार्टी के साथ साझा नहीं किया जा सकता है। हेल्थ ऐप में यूजर के पास यह नियंत्रण होता है कि कौन-सी जानकारी किसके साथ साझा करनी है। एपल की प्राइवेसी पॉलिसी इस दिशा में अन्य कंपनियों की तुलना में सख्त और पारदर्शी माना जाता है।
AI अब केवल मशीन लर्निंग या रोबोटिक्स तक सीमित नहीं रहा। हेल्थ सेक्टर में इसकी मौजूदगी क्रांतिकारी है। कैंसर डिटेक्शन के क्षेत्र में शुरुआती स्टेज में ट्यूमर की पहचान, डायबिटीज मैनेजमेंट के क्षेत्र में ब्लड शुगर मॉनिटरिंग और डाइट रिकमेंडेशन, कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में हार्ट अटैक की संभावना की भविष्यवाणी, मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में मूड ट्रैकिंग और डिप्रेशन पहचानना, इस पर AI पहले से काम कर रहा है और अब गर्भावस्था की पहचान भी इस लिस्ट में जुड़ गई है।
भारत में गर्भावस्था को लेकर कई सामाजिक, धार्मिक और व्यक्तिगत धारणाएं जुड़ी होती हैं। कई बार महिलाएं सामाजिक दबाव के कारण अपनी प्रेग्नेंसी छिपा लेती हैं या देर से पता चलने के कारण चिकित्सकीय देखभाल नहीं ले पाती है। ऐसी परिस्थिति में एपल वॉच जैसा उपकरण मददगार साबित हो सकता है। ग्रामीण इलाकों में सीमित स्वास्थ्य सेवाओं के बीच यह वॉच एक प्रारंभिक संकेतक की भूमिका निभा सकता है। शहरी महिलाओं के व्यस्त जीवन में यह उन्हें समय पर सजग कर सकता है। सिंगल मदर्स या अविवाहित महिलाओं को गुप्त रूप से स्वास्थ्य निगरानी में मदद मिल सकता है।
जहां एक ओर यह तकनीक स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है, वहीं दूसरी ओर इसमें कुछ चुनौतियां भी हैं। अभी केवल एपल वॉच यूजर्स के लिए उपलब्ध है, गर्भावस्था की पुष्टि के लिए अभी भी लैब टेस्ट की जरूरत होगा, AI मॉडल अलग-अलग नस्लों या जीवनशैली पर अलग-अलग प्रदर्शन कर सकता है। भविष्य में अन्य वियरेबल डिवाइस में भी यह तकनीक लाई जा सकती है। ग्रामीण भारत के लिए किफायती मॉडल विकसित हो सकता है और हेल्थ केयर में महिलाओं की स्वायत्तता बढ़ेगी।

एपल भविष्य में इस मॉडल को वॉच ओएस में इंटीग्रेट कर सकता है। हेल्थ ऐप के माध्यम से महिलाएं अपनी ओव्यूलेशन साइकिल, पीरियड्स और फर्टिलिटी ट्रैक कर सकेगी। प्रेग्नेंसी अलर्ट आने पर तुरंत डॉक्टर से कनेक्ट करने के विकल्प भी जोड़ा जा सकता है। भारत जैसे देशों के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में हेल्थ डेटा की व्याख्या सुविधा भी जोड़ा जा सकता है।
AI आधारित गर्भावस्था की पहचान कोई साधारण खोज नहीं है। यह एक ऐसा कदम है जो भविष्य में महिला स्वास्थ्य सेवा की परिभाषा बदल सकता है। जहां पहले यह जिम्मेदारी डॉक्टरों या लैब्स पर थी, अब वियरेबल डिवाइस इस जिम्मेदारी को आसान बना रहा है। एपल वॉच अब सिर्फ समय बताने या फिटनेस ट्रैक करने वाला उपकरण नहीं रहा, बल्कि यह अब एक स्मार्ट हेल्थ असिस्टेंट बन चुका है, जो शरीर की हर हलचल को पढ़ कर समय रहते सतर्क कर सकता है।